और रात आ जाती हैपर्वत की पीठ पर बैठा सूरजस्थिर नहीं रहता।लुढ़कता हुआ,धार के पार चला जाता है।केवल रक्तिम आभा-क्षितिज...
Poet
ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो,भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी,मगर मुझको लौटा दो बचपन का...
पापामैं जानती हूं तुम भूखे होफिर क्यों तुम खुद को भूखे नहीं बताते होतपती धूप में पसीने से नहाकरक्यों तुम...
मध्य हिमालै ? ऊंचा हिवांळों ह्यूं की चादर,रूमझुम बरखा मध्य हिमालै ।धारूं - धारूं बादळ माळा ,ठंडु बथौऊं मध्य हिमालै...
खास हो तुम… खुबियो का तो दिवाना सारा जहाँ है….तुम लाख खामिया होने के बाद किसी को चाहो….तो खास हो...
प्यारू उत्तराखंड " तेरा जिल्लौं से बड़ि छायू , प्यारू उत्तराखंड.बीस साल ह्वीं राज्य बड़्यां , प्यारू उत्तराखंड.. करि आंदोलन...
हे प्रभु मन में दीप जलाओ अंधकार से मुझे निकालो ,सच्चाई की राह दिखा लो ।सही ड़गर क्या मुझे बताओ...
चलो दीप जलाएं चलो सखी कुछ ऐसे दीप जलाएं।हर घर जो, उजियाला फैलाएंसूने पड़े द्वारों को सजाएंआते जाते राही को...
काली रात फिर से आयेगी…. वही दरिंदगी से भरी रात फिर आयेगी..किसी मासूम निर्भया की इज्जत फिर निलाम की जायेगी…....
तेरि-मेरी मन कि बात मान नि मान हे मनखी, मिं-जणदु मन कि बात.न लगौ ग्वाया यथ-वथ, कर भितर ह्यन कि...