स्वास्थ्य कर्मियों के साथ पुलिस बर्बरता की कांग्रेस ने की निंदा, स्वास्थ्य विभाग पर उठाए सवाल
शांतिपूर्ण तरीके से मुख्यमंत्री आवास कूच कर रहे संविदा कर्मियों पर सोमवार को पुलिस की ओर से किए गए लाठीचार्ज की कांग्रेस गढ़वाल मंडल मीडिया प्रभारी गरिमा मेहरा दसौनी एवं प्रदेश प्रवक्ता सुजाता पॉल ने कड़ी निंदा की। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग पर प्रश्नचिह्न खड़े किए।

गरीमा दसोनी ने स्वास्थ्य मंत्री से सवाल करते हुए कहा कि जब आप इन संविदा कर्मियों को स्वास्थ्य विभाग में समायोजित करने की घोषणा कर चुके हैं, तो इस संबंध में लिखित शासनादेश क्यों नहीं जारी करते। उन्होंने ऋषिकेश एम्स में चल रहे करोड़ों के घोटाले और अवैध नियुक्तियों पर भी सवाल उठाया। दसोनी ने कहा कि राज्य के संसाधनों, संस्थानों, नौकरियों पर पहला अधिकार उत्तराखंड के युवाओं का है। ऐसे में आखिर किसके इशारे पर और संरक्षण में राजस्थान के 600 लोग एम्स ऋषिकेश में नियुक्त कर दिए जाते हैं । आखिर यह सब देख कर भी स्वास्थ्य मंत्री मोनी बाबा क्यों बने रहे।
इस अवसर पर दसोनी ने 4:50 करोड़ का मशीन खरीद घोटाला भी उजागर किया। दसौनी ने आंकड़ों के साथ बताया कि प्रदेश में कितने नर्सिंग के, कितने लैब टेक्नीशियन के, कितने फार्मासिस्ट के, कितने डेंटिस्ट के पद रिक्त हैं। ऐसे में प्रदेश के युवाओं को धरना और कूच करने पर मजबूर क्यों किया जा रहा है। उन्होंने शांतिप्रिय तरीके से धरना और कूच कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर पुलिस बर्बरता की भी कड़े शब्दों में निंदा की ।
प्रेस वार्ता के दौरान सुजाता पॉल ने पुलिस प्रशासन की बर्बरता का आंखों देखा हाल पत्रकारों के सामने रखा। सुजाता पॉल ने कहा गर्भवती महिला को घसीटना और लात मारना क्या सही है। उत्तराखंड सरकार के संस्कार क्या यही है। भाजपा का बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान क्या यहीव है। सुजाता पॉल ने कहा हम सबको शर्मसार होने की जरूरत है, क्योंकि हमारी आंखों के सामने हमारी ही गर्भवती मातृशक्ति से पुलिस प्रशासन ने इतना अमानवीय व्यवहार किया। वहीं एक दूसरी महिला का चार पांच पुलिसकर्मियों ने हाथ खींचा जिस वजह से वह गंभीर रूप से चोटिल हुई है। वही एक और युवक जो कि इन सभी आंदोलनरत कर्मियों के अध्यक्ष हैं, उनकी इतनी पिटाई की गई है। वह अपने पैरों में खड़े तक नही हो पा रहे हैं।
सुजाता पॉल ने स्वास्थ मंत्री धन सिंह रावत और पुष्कर सिंह धामी की संवेदनशीलता पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि आखिर हमारे युवाओं के साथ अन्याय क्यों हो रहा है। दोनों ही नेत्रियों ने शासन प्रशासन को चेताया कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। वरना कांग्रेस पार्टी सदन से लेकर सड़क तक हल्ला बोल करने के लिए मजबूर होगी। सुजाता पॉल ने कहा महिलाओं के बलिदानों से बने राज्य में मातृशक्ति पर पुलिस बर्बरता निंदनीय है और इसकी जवाबदेही मुख्यमंत्री की है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।