होली में गर्भवती महिलाएं बरतें ये सावधानियां, मना पाएंगी सुरक्षित होली, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सुजाता दे रहीं हैं टिप्स

होली का त्योहार ऐसा है कि बच्चे से लेकर बूढ़े तक इसे उत्साह के साथ मनाते हैं। कोई रंगों से सूखी होली खेलता है तो कई एक दूसरे पर बगैर पानी डाले चैन की सांस नहीं लेते हैं। त्योहार मनाएं, लेकिन सावधानी भी जरूर बरतें। खासकर गर्भवती महिलाओं के लिए देहरादून की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. सुजाता संजय कुछ टिप्स दे रही हैं। ताकि मां और बच्चे दोनों की सेहत सुरक्षित रह सके। उनका कहना है कि गर्भवती महिलाओं को होली खेलते समय कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हर्बल रंगों का करें इस्तेमाल
डॉ. सुजाता के मुताबिक, बाजार में मिलने वाले कृत्रिम रंगों में हानिकारक रसायन होते हैं। ऐसे रंग त्वचा एलर्जी, खुजली या संक्रमण का कारण बन सकते हैं। हल्दी, चंदन, गुलाब, टेसू के फूल और चुकंदर से बने हर्बल रंग सुरक्षित होते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
रंगों को तुरंत धोते रहें
डॉ. सुजाता के मुताबिक, किसी भी रंग को आंखों, मुंह या नाक के अंदर जाने से रोकें। क्योंकि ये स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसी स्थिति में कोमल साबुन और गुनगुने पानी से रंगों को तुरंत धो लें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हल्का भोजन और पर्याप्त आराम भी जरूरी
डॉ सुजाता ने बताया कि गर्भावस्था के दौरान होली मनाना पूरी तरह से सुरक्षित हो सकता है, बशर्ते कि आवश्यक सावधानियों का पालन किया जाए। प्राकृतिक रंगों, हल्के भोजन और पर्याप्त आराम के साथ एक सुरक्षित और आनंददायक होली मनाएं। किसी भी असुविधा या समस्या होने पर तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। उन्होंने बताया कि ठंडाई या खाने-पीने की चीजों में अक्सर भांग मिलाई जाती है, जो गर्भस्थ शिशु के लिए हानिकारक हो सकती है। बाहर के खाद्य पदार्थ संक्रमण फैला सकते हैं, इसलिए हल्का और सुपाच्य भोजन करें। शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है, इसलिए नारियल पानी, जूस या ताजे फल का सेवन करें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
तेज गंध वाले रंगों के इस्तेमाल से बचें
अगर किसी रंग में ज्यादा तेज गंध है या उससे जलन हो रही है, तो तुरंत उसे साफ कर लें। कई रंगों में भारी धातु (लेड, मरकरी, सिल्वर आदि) होते हैं, जो शरीर के लिए जहरीले हो सकते हैं। ज्यादा शोर-शराबा और तनाव से बचें क्योंकि यह गर्भ में पल रहे बच्चे पर असर डाल सकता है। शांत और सुकून भरा माहौल चुनें जहां आप अपने परिवार के साथ सुरक्षित रूप से त्योहार मना सकें। फिसलन भरी जगहों पर गिरने का खतरा कम करने के लिए फ्लैट और आरामदायक फुटवियर पहनें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
किसी भी दिक्कत पर लें चिकित्सक की सलाह
अगर आपको होली के बाद चक्कर, थकान, स्किन रैश, सांस लेने में दिक्कत, पेट दर्द या कोई और परेशानी हो तो देरी न करें और डॉक्टर से सलाह लें। ज़्यादा थकावट महसूस हो तो पर्याप्त आराम करें और अपने शरीर की जरूरतों को समझें।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।