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November 7, 2024

Poet

बजदी बांसुरी ------- बजदी मनम्वोहनि बांसुरी हो ,बजदी मनम्वोहिनि बांसुरी ।धकध्याट करदी हाय जिकूड़ी ,धकध्याट करदी हो ।। अछैगे घाम...

पहाडों की गोद में पहाड़ों की गोद में हीरा दबा सा है,पहाड़ों की गोद में हीरा दबा सा है।इसके भीतर...

नफरतों के बयान रहने दो।कुछ तो अम्नो-अमान रहने दो।। कल सियासत के काम आएंगे।ये सुलगते मकान रहने दो।। है वतन...

सृजन का बीजतम के खोल में छिपा 'सृजन का बीज'दरख्त होजाना चाहता है..चाहता अस्तित्व बनानाथाह पाना चाहता है..तम के खोल...

लगे भवानी लाडली ,गिरिनंदिनी राजकिशोरी ।मै तो तुझे मनाऊं माता ,सुन लो विनती मोरी ।। अहो सलोना रूप तेरा मां...

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