अ से अ: तक... अ से अक्षर लिखना सीखो आ कर मुझसे कहना सीखो इ तना सीधा सपना देखो ई...
Poet
गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी हे वसुंधरा के महान सपूत, तेरे गीत हृदय गुंजन करें। कंठ में मिठास शहद की...
हे मां शारदे अपनी करुणा बरसाओ मां शारदे मेरे मन का तिमिर हर ले ज्ञान का दीपक जला मेरे हृदय...
भारत भूमि को शत् शत् वंदन है पूजनीय है ये भारत भूमि तेरी वसुधा पर जन्म लिया है, नित पूजा...
क्या मेरे मन के आखर यूं ही क्या मेरे मन के आखर यूं ही, खुद में सिमटकर रह जाएंगे। लिखता...
मेरे शब्द मैं अपने शब्दों को लिख चुका हूं, क्या कोई, मेरे शब्द सुन सकेगा। फंसा हूं क्यों शब्दों के...
हिम कवि आ रहा घर छोड़े वर्षों बीत गए, मैं हिमगिरि पर ही घूम रहा। याद दिलाती मुझे बहुत उनकी,...
जिंदगी वतन के नाम क्या है इंसान बता तेरी ये जिंदगानी, जो काम ना आए वतन के। मौके तो बहुत...
स्वानी स्वानी... स्वानी स्वानी मुखड़ि तेरी स्वानी भलि झलकी छै... म्येरा मन बसि मूरत जसि उसि तेरी सूरत सुकली छै......
मैं टालता गया मैं टालता गया... जो अवसर आया... जो अवसर आया मैं टालता गया जो अवसर आया मैं टालता...