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February 6, 2025

मुख्य सचिव और डीजीपी से मिले इंडिया गठबंधन से जुड़े दलों के नेता, उठाए ये मुद्दे

उत्तराखंड की मुख्य सचिव एवं पुलिस महानिदेशक से इंडिया एलाइंस एवं सिविल सोसाइटी से जुड़े नेताओं ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राज्य में कानून व्यवस्था को बदहाल बताते हुए नियमानुसार और कानून के मुताबिक हर मामलों में कार्रवाई की मांग की। हालांकि, विपक्ष की ये मांगे सिर्फ प्रतिकात्मक ही साबित होती हैं। क्योंकि जैसा सरकार चला रही होती है, वैसा ही चलता है। फिर चाहे वे राष्ट्रपति को, या फिर राज्यपाल को, या फिर सीएम को ज्ञापन दें। हमने आज तक ऐसा नहीं देखा और ना ही सुना है कि विपक्ष के किसी ज्ञापन के बिंदु पर कोई कार्रवाई हुई है। चाहे इस समय की सरकार हो या फिर पूर्ववर्ती सरकारें रहीं हों। जिसकी सरकार होती है, उसी के हिसाब से सिस्टम चलता है। ऐसे में विपक्ष की ओर से आवाज उठाने का मतलब सिर्फ यही है कि जनता को पता चल सके कि वे किस मुद्दे पर आवाज उठा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इंडिया गठबंधन एवं सिविल सोसाइटी के संयोजक शीशपाल सिंह बिष्ट के नेतृत्व में प्रतिनिधियों ने राज्य में बदहाल कानून व्यवस्था को ले कर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन पक्षपात से काम कर रहा हैं। अंकिता भंडारी का प्रकरण को प्रमुखता से उठाने वाले आशुतोष नेगी को गिरफ्तार करना, हल्द्वानी में अराजक तत्वों द्वारा अल्पसंख्यक लोगों की दुकानों को जबरन बंद कराना, कानूनी प्रक्रिया की धज्जियां उड़ा कर मनमाने तरीकों से लोगों को बेदखल करना, भय का माहौल बनाकर हल्द्वानी के वनभूलपुरा क्षेत्र और उसके आसपास घरों में घुस कर लोगों की सम्पतियों पर तोड़ फोड़ करना, महिलाओं और बच्चों के साथ मारपीट करने की खबरें बेहद चिंताजनक हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से कहा कि ऐसे लग रहा है कि जो सत्ता पक्ष और सरकार के करीब हैं, उनको अपराध करने के लिए खुली छूट दी जा रही है। जो संवैधानिक अधिकार के तहत सरकार से सवाल पूछ रहे हैं, उन पर पुलिस प्रशासन द्वारा दमनात्मक कारवाई की जा रही है। प्रतिनिधिमंडल ने मांग उठायी कि किसी भी अपराध और ख़ास तौर पर महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार के अत्याचार की जानकारी मिलने पर पुलिस तुरंत कारवाई करे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

इस दौरान कहा गया कि-हमारे पास शिकायत नहीं आयी है, यह अटपटा तर्क जनता को न दिया जाए। किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई और गिरफ़्तारी उच्चतम न्यायलय और कानून के प्रावधानों के अनुसार ही हों। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्य सचिव से मांग की कि राज्य में वन अधिकार कानून, मलिन बस्ती नियमितीकरण और पुनर्वास कानून, अन्य ऐसी नीतियों पर युद्धस्तर से कारवाई हो, जिससे लोग कार्रवाई की निष्पक्षता के प्रति आश्वस्त रहें। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इसके अलावा किसी भी प्रकार के आपराधिक या नफरती अभियान को ले कर 2022 के उच्चतम न्यायलय के फैसले के अनुसार पुलिस स्वयं संज्ञान ले कर निष्पक्ष रूप सेसख्त कार्रवाई करें। प्रतिनिधिमंडल से वार्ता करते हुए राज्य की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि उठाए गए बिंदुओं पर विचार एवं जांच कर प्रशासन निश्चित रूप से निष्पक्ष कार्रवाई करेगा। किसी भी तरीके से कानून के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होने दी जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इंडिया गठबंधन के मुताबिक, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार ने कहा कि अगर पुलिस की कारवाई में कहीं कमियां हैं, तो उनको सुधारा जाएगा। पुलिस प्रशासन निष्ठा का ध्यान रखेगा और किसी भी निर्दोष को प्रताड़ित न किया जायेगा। लोगों में पुलिस प्रशासन के प्रति विश्वास पैदा हो, ऐसा माहौल तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रतिनिधिमंडल में इंडिया गठबंधन और सिविल सोसाइटी के संयोजक शीशपाल सिंह बिष्ट के साथ ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव डॉ. एसएन सचान, आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेत्री उमा सिसोदिया, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव राजेंद्र नेगी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेशनल कौंसिल सदस्य समर भंडारी, आल इंडिया किसान सभा के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह सजवाण, उत्तराखंड महिला मंच से कमला पंत और निर्मला बिष्ट, उत्तराखंड इंसानियत मंच के त्रिलोचन भट्ट, चेतना आंदोलन के शंकर गोपाल शामिल रहे।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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