कलश संस्था ने रुद्रप्रयाग जिले के वरिष्ठ साहित्यकारों को किया सम्मानित
रुद्रप्रयाग जिले के वरिष्ठ साहित्यकारों को कलश ट्रस्ट ने अपने आठवें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में सम्मानित किया। कार्यक्रम रुद्रप्रयाग जनपद के अगस्तमुनि ब्लॉक के समौण सिल्ली क्षेत्र में किया गया। इस मौके पर नवोदित साहित्यकारों को भी मंच से अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका मिला।
कार्यक्रम अध्यक्ष चन्द्रशेखर बेंजवाल (पूर्व प्रधानाचार्य) ने अतिथियों का स्वागत किया। मुख्य अतिथि नगर पंचायत अगस्त्यमुनि अध्यक्ष अरुणा बेंजवाल के साथ ही राजकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय अगस्त्यमुनि में हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. निधि छावड़ा नगर पालिका रुद्रप्रयाग की अध्यक्ष गीता रौथाण, व्यापार संघ रुद्रप्रयाग के जिला महामंत्री मोहन रावत ने माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।
इस दौरान लोक कवि अनूप नेगी ने सभी अतिथियों का स्वागत सम्मान किया गया।
इस दौरान नवोदित कवियों ने अपनी रचनाओं की प्रस्तुति दी। कक्षा 10के छात्र सूरज पंवार ने पलायन और लॉक डाउन पर अपनी कविता-हे मां तु किलै लगी धाणी पर ऐस कर, हम ऊन्द छन जांणा तु दादा – दादी दगड़ बैस कर।। सुनाई। इसके बाद राइंका कंडारा के दसवीं के छात्र प्रियंक रावत ने मातृभाषा पर अपनी कविता – मातृ भाषा तैं ना भूलि, के माध्यम से गढ़वाल से पलायित लोगों का आवाह्न करते हुए कहा कि वे जहाँ भी रहें अपनी मातृभाषा से लगाव बनाये रखें।
पाला कुराली चिर बटिया की बीए की छात्रा कविता कैंतुरा ने अपनी कविता -नयु साल फिर बोड़ी ऐगे., के माध्यम से कामना की कि वर्ष 2021 हम सब सहित पूरी दुनिया के लिए सुखद हो।
बैनोली के मूल निवासी और दिल्ली में रह रहे डॉ. सुशील सेमवाल ने अपनी कविता- “कलसस्य मुखे विष्णु” के माध्यम से सृष्टि की उत्पत्ति सहित तीनों लोकों की महत्ता स्पष्ट करते हुए बताया कि सम्पूर्ण विश्व सहित अखिल ब्रह्मांड ही एक ‘कलश’ है।
लोक सृजन काव्य प्रतियोगिता की विजेता मयाली की छात्रा रिंकी काला (एमएससी बनस्पति विज्ञान) ने अपनी कविता- बेटी का सवाल, प्रस्तुत करते हुए समाज में नारियों व बेटियों के प्रति हो रहे अत्याचारों को रेखांकित करते हुए चेताया कि जिस दिन महिला अपनी परिधि को लांघकर, तीलू रौतेली और रानी लक्ष्मी बाई के स्वरूप में आ जाएंगी तो फिर समाज में अत्याचारियों को खुले रहना मुश्किल हो जाएगा।
तिलवाड़ा की विमला राणा ने अपनी कविता- अब त गौं का गौं खाली ह्वैगेन,
गौं मा खाली बूड बुड्या रैगेन, माधव सिंह नेगी ने अपनी कविता पैंसा भगवान ह्वैगि के माध्यम से समाज में पीछे छूट रही संवेगात्मक भावनाओं को रेखांकित किया।
इस अवसर पर सुधीर बर्त्वाल, उपासना सेमवाल, बेदिका सेमवाल, ऊखीमठ से भूपेन्द्र राणा, बीर सिंह रावत, रिंगेड़ (बैनोली), अश्वनी गौड, शिवानी, डॉ० राकेश भट्ट, विपिन सेमवाल, गढ़ कवि जगदंबा चमोला, डॉ गीता नौटियाल, उर्मिला सेमवाल, हेमंत चौकियाल आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन कलश की केदारघाटी की नव नियुक्त संयोजक कुसुम भट्ट और कलश के संस्थापक संयोजक ओम प्रकाश सेमवाल ने संयुक्त रूप से किया।
इन साहित्यकारों को किया सम्मानित
स्व. श्रीधर चमोला का सम्मान उनके छोटे सुपुत्र अखिलेश चमोला ने प्राप्त किया। इनके साथ ही बृज मोहन भट्ट, गिरीश चन्द्र बेंजवाल, राजेन्द्र प्रसाद गोस्वामी, चन्द्र सिंह नेगी, उम्मेद सिंह रौथाण, सिमरन रावत, विनोद सिंह नेगी (दिव्यांग, जो दिव्यांगों को मुफ्त में कम्पूटर सिखाते हैं) को सम्मानित किया गया।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।