मंत्रिपरिषद की सलाह के बगैर दस मनोनीत सदस्यों की नियुक्ति, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के एलजी ऑफिस को भेजा नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की याचिका पर एलजी ऑफिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आम आदमी पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने एलजी की ओर से एमसीडी में मनोनीत पार्षद यानी एल्डरमैन की नियुक्ति को चुनौती दी है। दिल्ली सरकार का प्रतिनिधित्व सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी और एडवोकेट सदान फरासत ने किया। उन्होंने बुधवार को सीजेआई डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने याचिका पर दलीलें रखीं। मामले में अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार 29 मार्च को दिल्ली सरकार की उस याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें उस अधिसूचना को रद्द करने की मांग की गई, जिसके माध्यम से दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) ने अपनी पहल पर दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में दस मनोनीत सदस्यों को नियुक्त किया। ये नियुक्ति भी मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह के बगैर की गी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ द्वारा सुनी गई याचिका अब 10 अप्रैल 2023 के लिए सूचीबद्ध है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दिल्ली सरकार की ओर से दी गई दलीलें
दिल्ली सरकार ने याचिका में कहा है कि 1991 में अनुच्छेद-239एए के प्रभाव में आने के बाद से यह पहली बार है कि चुनी हुई सरकार को पूरी तरह से दरकिनार करते हुए एलजी ने इस तरह का नामांकन किया है। दावा किया कि इससे एक अनिर्वाचित ऑफिस को ऐसी शक्ति का अधिकार मिल गया है, जो विधिवत निर्वाचित सरकार से जुड़ी है। दिल्ली सरकार ने 3 और 4 जनवरी, 2023 के आदेशों और अधिसूचनाओं को रद्द करने की मांग की, जिसके तहत एलजी ने एमसीडी में 10 नामित सदस्यों को अपनी पहल पर नियुक्त किया। इसके लिए दिल्ली के मंत्रिपरिषद से न कोई सहायता ली गई और न सलाह। ऐसा दावा करते हुए याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि न तो कोई धारा और न ही कानून का कोई अन्य प्रावधान कहीं भी कहता है कि इस तरह का नामांकन प्रशासक द्वारा अपने विवेक से किया जाना है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सुप्रीम कोर्ट में पहले भी जा चुका है मेयर वाला मामला
आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार ने एलजी वीके सक्सेना की ओर से एमसीडी में सदस्य चुने जाने का विरोध किया था। इसके लिए सरकार सुप्रीम कोर्ट भी गई थी। दिल्ली सरकार ने इसके अलावा मेयर चुनाव में मानोनीत पार्षदों के मतदान के अधिकार को भी सुप्रीम कोर्ट में उठाया था। अभी दिल्ली एमसीडी में नए मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों का चुनाव बाकी है। सरी नजरें अब सुप्रीम कोर्ट पर हैं।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।