पेपर लीक मामले में युवाओं को जल्द मिले न्याय, ऐसा ना हो देरी कर जांच में हो जाए खानापूर्तिः लालचंद शर्मा

एक बयान में लालचंद शर्मा ने कहा कि यूकेएसएसएससी परीक्षा का घोटाला काफी बड़ा है। जिस तरह से गिरफ्तारियां हो रही है। उससे साफ है कि रैकेट काफी बड़ा है। वहीं उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है। ऐसे में माना जा रहा है कि बड़ी मछलियां इस पेपर लीक मामले में शामिल है। अभी तक छोटी मछलियों को हो पकड़ा गया है। सरकार को इस पेपर लीक मामले में जांच का समय तय करना चाहिए। साथ ही जांच पूरी पारदर्शिता के साथ की जानी चाहिए। वहीं कांग्रेस की मांग है कि सीबीआई से भी जांच करानी चाहिए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि सरकार का कार्यक्रम है कि आगे कई परीक्षा होनी है। बेरोजगार युवा हताश और परेशान है। ऐसे में सरकार को अब पूरी पारदर्शिता के साथ परीक्षा करानी होगी। कांग्रेस का कहना है कि काफी बड़ी संख्या में बेरोजगार रोजगार दफ्तर में पंजीकृत है। ऐसे में कांग्रेस की मांग है कि राज्य के सभी सरकारी विभागों में रिक्त पदों का डाटा निकालकर विभागों में परीक्षा के माध्यम से भर्तियां की जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है प्रकरण
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 41 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। इसके बाद अब हर दिन किसी ना किसी विभाग में भर्ती घोटाला उजागर हो रहा है। साथ ही पूर्व विधानसभा अध्यक्षों पर भी बैकडोर से नियुक्ति करने के आरोप लगे। वहीं, पूर्व उच्च शिक्षा मंत्री पर भी ऐसे ही आरोप लग रहे हैं। ऐसे में अब मांग उठ रही है कि पूरे प्रकरणों की सीबीआइ से जांच कराई जाए, या फिर उच्च न्यायालय के सीटिंग जज की अध्यक्षता में गठित समिति से जांच हो। उधर, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने विधानसभाओं में हुई भर्तियों की जांच को कमेटी गठित कर दी है। ये कमेटी एक माह में रिपोर्ट देगी।

Bhanu Prakash
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भानु बंगवाल
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।