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February 9, 2025

उत्तराखंड में वानाग्नि सत्र से पहले सात नई पिरुल ब्रिकेट्स यूनिट होंगी तैयार, केंद्र को भेजी पांच साल की योजना

उत्तराखंड में वन विभाग आगामी वनाग्नि सत्र से पहले प्रदेश में सात नई पिरुल ब्रिकेट्स यूनिट तैयार कर देगा। इससे पिरुल एकत्रितकरण के जरिये वनाग्नि रोकथाम में मदद मिलेगी। इधर, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर वन विभाग ने वनाग्नि रोकथाम के लिए पांच साल की योजना तैयार करते हुए केंद्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

प्रदेश में वनाग्नि का मुख्य कारण जंगलों में चीड़ वन की अधिकता है। वन विभाग के नियंत्रणाधीन वनाच्छादित क्षेत्र में लगभग, 15.25 प्रतिशत चीड़ वन है। इसलिए वन विभाग चीड़ पिरुल को एकत्रित करते हुए इसका प्रयोग पैलेट्स, ब्रिकेट्स बनाने में कर रहा है। इसके लिए स्वयं सहायता समूहों की मदद ली जा रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

वर्तमान में विभाग इन समूहों को प्रति किलो तीन रुपये की दर से चीड़ पिरुल एकत्रित करने का भुगतान करता है। इसे मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में बढ़ाए जाने की तैयारी है। गत वर्ष विभाग ने स्वयं सहायता समूहों के जरिये 38299.48 कुंतल चीड़ पिरुल एकत्रित किया। इसके बदले समूहों को 1.13 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

अब यूनिट बढ़ाने की तैयारी
अपर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक निशांत वर्मा के मुताबिक पिरुल एकत्रितकरण से वनाग्नि रोकथाम में प्रभावी कमी आती है। इसलिए वर्तमान में चल रही ब्रेकेटस यूनिट की संख्या बढ़ाकर 12 किए जाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर, जल्द ही अल्मोड़ा, चम्पावत, गढ़वाल और नरेंद्र नगर वन प्रभाग में सात नई यूनिट स्थापित हो जाएंगी। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन भी हो सकेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

नई ब्रेकेटस यूनिट से ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वनाग्नि रोकथाम के लिए, विभागों को समय से तैयारी करने को कहा गया है। प्रदेश में सात जगह नई ब्रेकेटस यूनिट बनने से ग्रामीणों को रोजगा मिलेगा, साथ ही पिरुल से लगने वाली वनाग्नि में भी प्रभावी कमी आएगी। इसके साथ ही वनाग्नि रोकथाम के लिए भारत सरकार के पास पांच साल की कार्ययोजना तैयार करके भेजी गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उत्तराखंड की स्थिति
-उत्तराखंड में 15 प्रतिशत वनाच्छादित क्षेत्र में हैं चीड़ वन
-05 स्थानों पर वर्तमान में हैं ब्रिकेट्स यूनिट
-05 साल की कार्ययोजना भेजी गई भारत सरकार के पास
-गत वर्ष स्वयं सहायता समूहों को पिरुल जमा करने पर दिए गए 1.13 करोड़ रुपए
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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