उत्तराखंड में दिन गर्म, रात को तापमान धड़ाम, बढ़ रही खांसी, जुकाम और एलर्जी, देहरादून में ऐसा है मौसम
उत्तराखंड में इन दिनों पहाड़ से लेकर मैदान तक मौसम शुष्क है। दूर दूर तक बारिश के आसार नहीं हैं। ऐसे में दिन के तापमान और रात के तापमान में 12 से 13 डिग्री सेल्सियस का अंतर आ रहा है। ऐसे में सर्दी, खांसी, जुकाम, एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इससे बचने के लिए कोरोना के दिन याद कर लीजिए। जब मास्क से मुंह और नाक ढकते थे तो तब इन परेशानियों से बहुत कम लोगों को जूझना पड़ा था। ऐसे में मास्क ही सुरक्षित उपाय है। ताकि किसी दूसरे से संक्रमण ना आए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड का मौसम
आज रविवार एक दिसंबर की सुबह से ही राजधानी देहरादून सहित राज्यभर में मौसम साफ है। मैदानी इलाकों में दिन चढ़ने के साथ ही धूप असहनीय हो रही है। राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, आज से लेकर सात दिसंबर तक राज्यभर में मौसम शुष्क रहने का अनुमान है। इसके बाद हो सकता है मौसम में बदलाव हो। क्योंकि आठ दिसंबर को देहरादून में बादल छाए रह सकते हैं। फिलहाल पर्वतीय जिलों में भी अब ऊंची चोटियों से बर्फ कम होने लगी है। कारण ये है कि अक्टूबर और नवंबर में प्रदेश भर में ना तो बारिश हुई और ना ही ऊंची चोटियों में हिमपात हुआ। ऐसे में इस बार सर्दी भी कम है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में सर्दी
देहरादून में तापमान की स्थिति का पूर्वानुमान हर दिन बदल रहा है। आज रविवार एक दिसंबर की सुबह करीब 11 बजे देहरादून का तापमान 19 डिग्री सेल्सियस के करीब था। इसके अधिकतम 22 डिग्री और न्यूनतम 10 डिग्री रहने का अनुमान है। दो से आठ दिसंबर तक अधिकतम तापमान क्रमशः 22, 22, 22, 20, 18, 17, 17 डिग्री रह सकता है। इसी तरह न्यूनतम तापमान 10, नौ, आठ, छह, पांच, पांच, छह डिग्री की संभावना है। ऐसे में साफ है कि आने वाले दिनों में रात को कंपाने वाली सर्दी पड़ेगी। साथ ही दिन भी ठंडे हो सकते हैं। आठ दिसंबर को देहरादून में कहीं कहीं बादल भी रहेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बढ़ रही हैं मौसमी बीमारी
राज्य भर में बारिश नहीं होने से सर्दियों में वायु प्रदूषण का स्तर भी बढ़ा हुआ है। ऐसे में जुकाम, बुखार, एलर्जी, गले में खराश और सर्दी जैसी समस्याएं हो रही हैं। शरीर में एलर्जी कारक कैमिकल्स तापमान में उतार चढ़ाव और प्रदूषण के चलते एक्टिव हो जाते हैं। सामान्य तौर पर खांसी-जुकाम और त्वचा की एलर्जी के मामले सबसे अधिक देखे जाते हैं। सलाह ये है कि जिन लोगों को अस्थमा जैसी कोई दिक्कत है, उन्हें इस समय थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि, अस्पतालों में भी इस तरह की परेशानी के मरीज ज्यादा आने लगे हैं। बड़ों के साथ बच्चे भी वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।