राज्य में कोई भी चुनाव कराने में सक्षम नहीं है प्रदेश सरकार
उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने कहा कि अपने आप को देश और दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कहलाने का दंभ भरने वाली भारतीय जनता पार्टी आज राज्य के अंदर एक चुनाव करवा पाने में भी सक्षम नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि छात्र संघ चुनाव, निकाय चुनाव, पंचायत चुनाव सभी का कार्यकाल पूरा हो चुका है, परंतु छोटी सरकार के गठन के लिए राज्य सरकार की उदासीनता बनी हुई है। अब तो हद ही हो गई, जब भाजपा अपने संगठनात्मक चुनाव तक पीछे धकेल रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने कहा कि 30 नवंबर तक भारतीय जनता पार्टी बूथ कमेटीयां गठित करने का दावा कर रही थी। ऐसे में या तो भारतीय जनता पार्टी के पास कार्यकर्ताओं और नेताओं का टोटा हो गया है। या फिर निकाय चुनाव में पार्टी की बुरी हालत होने की पूरी संभावना और खबर भारतीय जनता पार्टी के संगठन को लग गई है। इसके चलते भारतीय जनता पार्टी निकाय चुनाव में अपनी सारी ताकत झोंकना चाहती है और उसके संगठनात्मक चुनाव इसमें बाधा बन सकते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस नेता ने कहा कि बड़ा सवाल यह उठता है कि भारतीय जनता पार्टी का संगठन दोनों ही काम साथ क्यों नहीं करवा पा रहा है। उच्च न्यायालय के सामने निकाय और पंचायत चुनाव समय पर न कराने के पीछे सरकार की ओर से जो कारण गिनाए जा रहे थे, वह किसी के गले नहीं उतर रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने कभी चार धाम यात्रा को, कभी कांवड़ यात्रा को, कभी लोकसभा चुनाव को तो कभी आपदा को चुनाव न कराने का कारण बताया गया। इसका मतलब भारतीय जनता पार्टी की प्रचंड बहुमत और ट्रिपल इंजन की सरकार सिर्फ नाम की और दिखाने की है। इनसे राज्य में दो काम एक साथ नहीं हो पा रहे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गरिमा ने कटाक्ष करते हुए कहा कि दरअसल भाजपा इतने लंबे समय तक विपक्ष में रही कि उसे सरकार चलाने का अनुभव नहीं है। दसौनी ने कहा कि एक तरफ तो भारतीय जनता पार्टी प्रचंड बहुमत और ट्रिपल इंजन की सरकार होने का गुमान पालकर बैठी है और वहीं दूसरी ओर उससे एक साथ दो चुनाव भी नहीं हो पा रहे हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दसौनी ने राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए कहा की निकायों, ग्राम पंचायत और क्षेत्र पंचायत का कार्यकाल समाप्ति के बाद चुने हुए जनप्रतिनिधियों को तो कार्यकाल ने विस्तार नहीं मिला, परंतु सूत्रों के हवाले से खबर है कि जिला पंचायत अध्यक्षों को सेवा विस्तार या प्रशंसकों के तौर पर नियुक्त किया जाएगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा ने इसे ग्राम प्रधानों, ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत सदस्यों के साथ सरासर अन्याय और राज्य सरकार का पक्षपात पूर्ण रवैया बताया। कहा के यदि राज्य सरकार यह कृत्य करती है तो निश्चित रूप से उसकी कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठना लाजिमी है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।