हादसों का दर्द यूं तो हररोज ही होते हैं हादसे हमारे आसपास रोज ही अखबारों की सुर्खियां होते हैं कुछ...
साहित्य जगत
अँधेरे मिटें रोशनी जगमगाए। रौनक ही रौनक ढेर घर में समाए।। बढ़े खुशहाली पाएं धन मान काफी। ख़ुशी देने लक्ष्मी...
तम गहराता रहा। दीया जलता रहा। सवेरा होने तक यह अखंड जलेगा। रात की आंखों में बैरी - सा खलेगा।...
स्पर्श हिमालय फाउंडेशन के तत्वावधान में देहरादून के थानो में आयोजित तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय साहित्य, संस्कृति एवं कला महोत्सव ‘स्पर्श...
देहरादून में हिंदी साहित्य सम्मेलन एवं राजभाषा पखवाड़े 'शब्दावली' के आखिरी दिन साहित्यिक रचनाओं पर चर्चा की गई। साहित्य प्रेमियों,...
वरिष्ठ साहित्यकार पंकज बिष्ट को आज रविवार 29 सितंबर को विद्यासागर नौटियाल स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। देहरादून स्थित...
साहित्य के क्षेत्र में विद्यासागर नौटियाल स्मृति सम्मान- 2024 इस बार वरिष्ठ कथाकार, पत्रकार, विचारक व संस्कृति कर्मी पंकज बिष्ट...
देवनागरी लिपि है जिस की। वह देवों की भाषा हिंदी है॥ मेरी आन -बान -मर्यादा है। मेरा अभिमान भी हिंदी...
शान्त सुशुप्त उत्तराखंड, हर आदर्शता का आवेश है। त्याग तपस्या बलिदान का, देता सदा सन्देश है।। पृथक राज्य उत्तराखंड, जन...
आज़ादी का हुआ सवेरा। पक्षी खुशियों से फ़िर चहके। फूल ख़ुशबू से फ़िर महके। कलरव का फ़िर हुआ बसेरा। मावस...