ज़िंदगी कंदील हो गई आईनों के शहर में चेहरों पर नक़ाब है। हवाओं को आने की इजाज़त नहीं है। ताका-झांकी...
साहित्य जगत
आज हिमवंत कवि चन्द्र कुंवर बर्त्वाल की पुण्य तिथि एवं हिंदी दिवस का कार्यक्रम हिमवंत कवि चन्द्र कुवर बर्तवाल शोध...
वर्ष 2023 का विद्यासागर साहित्य सम्मान वरिष्ठ रचनाकार शोभाराम शर्मा को दिया जाएगा। वहीं सामाजिक क्षेत्र में अनिल स्वामी (थपलियाल)...
सियासत की बिछने लगी बिसात। देश को पता तो चली औकात। फूटी आंख न जो कभी सुहाए मिलने लगी उन्हीं...
शुभागामन शरद ऋतु का बहुत ठंडी हवाएं हैं बहुत ही सर्द है मौसम, शायद कल रात बारिश ने वसुधा को...
कई दिनों बाद बारिश हुई मौसम की सफल न साज़िश हुई। कई दिनों बाद बारिश हुई। बरसे बादल ये क्या...
नई शुरुआत करें आओ! कोई नई शुरुआत करें। पुराना भुलाकर नया याद करें। खंडहर जीवन को आबाद करें। आओ! नई...
उड़ने से पहले नोंच लिए सारे पंख उड़ने से पहले। खुले आसमां के अब रहे नहीं मायने। सपने तोड़ दिए...
छोड़कर बादलों को पानी हुआ फ़रार। धूप बिछाकर जाजिम पसर गई धरा पर। हवाएं भी दुबक गईं कहीं मुंह छिपाकर।...
अनेकों रंग दिखलाता है मौसम इन पहाड़ों का। कभी लगती है तीखी धूप कभी एहसास जाड़ों का।। कभी चलती है...