सांसदों और विधायकों के मामलों में ट्रायल से देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी, ईडी और सीबीआइ पर निकला गुस्सा
सासंदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों के जल्द ट्रायल करने के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी पर नाराजगी जताई। सीजेआइ एनवी रमना ने कहा कि 15-20 साल से केस पेंडिंग हैं। ये एजेंसिया कुछ नहीं कर रही हैं। खासतौर से ईडी सिर्फ संपत्ति जब्त कर रही है। यहां तक कि कई मामलों में चार्जशीट तक दाखिल नहीं की गई है। केसों को ऐसे ही लटका कर न रखें. चार्जशीट दाखिल करें या बंद करें। मामलों में देरी का कारण भी नहीं बताया गया है। अदालतें पिछले दो साल से महामारी से प्रभावित हैं। वो अपनी पूरी कोशिश कर रही हैं।
सीजेआइ ने कहा कि PMLA में 78 मामले 2000 से लंबित हैं। आजीवन कारावास में भी कई मामले लंबित हैं। सीबीआई के 37 मामले अभी लंबित हैं। हमने एसजी से यह बताने के लिए कहा था कि इसमें कितना समय लगेगा। हम एसजी तुषार मेहता से सीबीआई और ईडी से इन लंबित मामलों के बारे में स्पष्ट स्पष्टीकरण देने को कहेंगे। इन एजेंसियों ने इन मामलों में देरी के कारणों के बारे में विस्तार से नहीं बताया है। एसजी ने कहा कि आप हाई कोर्ट को इसमें तेजी लाने का निर्देश दे सकते हैं।
सीजेआई ने कहा हमने पहले ही उच्च न्यायालयों को मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का निर्देश दिया है। जांच एजेंसियां आगे बढ़ सकती हैं और जांच पूरी कर सकती हैं। सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की तीन जजों की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है।
दूर की जा सकती हैं कमियां
केंद्र के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से मौजूदा सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामलों की जांच पूरी करने के लिए जांच एजेंसियों पर समय सीमा तय करने का आग्रह किया। एसजी का कहना है कि कोर्ट के दखल से चीजें सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई और ईडी द्वारा जांच पूरी करने में अत्यधिक देरी पर चिंता व्यक्त की। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सीबीआई और ईडी निदेशकों से बात करने के लिए कहा है। ताकि एजेंसियों में जनशक्ति का पता लगाया जा सके ताकि जांच को समयबद्ध पूरा किया जा सके। निगरानी समिति के सुझावों पर भी गौर करें। एसजी ने कहा कि मैं उनके साथ एक संयुक्त बैठक करूंगा, जो भी कमी है उसे दूर किया जा सकता है। CJI ने कहा कि हर जगह मैन पावर एक वास्तविक मुद्दा है। हमारी तरह जांच एजेंसियां भी इस समस्या से जूझ रही हैं। हर कोई सीबीआई जांच चाहता है।
लंबित मामलों में ईडी की रिपोर्ट
पीएमएलए एक्ट में पूर्व सांसद समेत 51 सांसद आरोपी हैं। 51 मामलों में से 28 की अभी जांच चल रही है। 4 का ट्रायल चल रहा है। ये कम से कम 10 साल पुराने मामले हैं। कुछ मामलों में अत्यधिक देरी हुई है। कुछ मामलों में मुकदमे की स्थिति का उल्लेख नहीं किया गया है। विधायकों के खिलाफ मामलों में भी यही स्थिति है। लगभग 70 में से 40 से अधिक की जांच चल रही है।
लंबित मामलों पर सीबीआई की रिपोर्ट
121 मामले 51 सांसदों के खिलाफ हैं। 112 विधायकों के खिलाफ हैं। सबसे पुराना मामला 2000 का है। सीबीआई की विशेष अदालतों में 58 मामले लंबित हैं और आजीवन कारावास की सजा से संबंधित हैं। मौत की सजा के मामले में भी केस सालों से लंबित हैं। एक मामले में वे कह रहे हैं कि मामला 2030 में पूरा होने की उम्मीद है।
हे भगवान!
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के मुंह से निकला – हे भगवान! इस पर CJI ने कहा कि एसजी तुषार मेहता ये सब सुन रहे हैं। तुषार मेहता ने कहा कि केस दर केस जाने के बजाय, मैं इस बात से सहमत हूं कि उन्हें तेज करने की जरूरत है। CJI ने कहा कि यह कहना आसान है कि इसमें और वह तेजी से काम करें, लेकिन यह कहां हो रहा है।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।