कोविड शहीदों को श्रद्धाजंलि देने पहुंचे धस्माना, यहां 26 लोग हुए थे शिकार, एक ने खोए तीन भाई, मृतक का घर बना गुरुद्वारा

प्रेस से अपने अनुभव साझा करते हुए धस्माना ने बताया कि दीप लोक कालौनी में रहने वाले सरदार हरजीत सिंह जी का परिवार कनाडा रहता है और वे अकेले रहते थे। उनके छोटे भाई सरदार चरणजीत सिंह नरूला ने बताया कि घर में सरदार जी की देखभाल व खाना बनाने वाली महिला को शायद कोरोना था। उससे संक्रमण सरदार हरजीत सिंह जी को भी हो गया। 27 या 28 अप्रैल को इसकी सूचना उन्होंने अपने दूसरे भाई सरदार रंजीत सिंह को दी। वे भी कनाडा रहते हैं। 30 अप्रैल को सरदार जी जब सुबह नहीं उठे तो घर में काम करने वालों ने उनके सबसे छोटे भाई करनपुर निवासी सरदार चरणजीत सिंह को सूचित किया। उनके आने पर दरवाजा खोला गया तो सरदार जी स्वर्ग सिधार चुके थे।
फोटोः अपने बड़े भाई की स्मृति में उनके घर को गुरुद्वारे में तबदील कर दिया सरदार चरण्जीत सिंह ने।
मृतक के घर को बनाया गुरुद्वारा
सरदार चरण जीत सिंह ने बताया कि बड़े भाई की इच्छा थी कि उनके बाद उनके निवास स्थान पर गुरुद्वारा बना दिया जाय। तो हमने उनके भोग के दिन ही गुरु महाराज का स्थायी रूप से प्रकाश कर यहां गुरुद्वारा बना दिया है। जिसे हम पंजीकृत करवा रहे हैं व इसे सार्वजनिक बना दिया जाएगा।
गुप्ताजी पर टूटी मुसीबत
धस्माना ने बताया कि दीपलोक में ही आरके गुप्ता परिवार पर तो मानो मुसीबतों का पहाड़ ही टूट गया। उनके बड़े भाई जगदीश प्रकाश की कोविड से मौत हुई। वे उनके संस्कार के लिए गए हुए थे, तभी 2 मई को शमशान घाट पर फोन आया कि उनके दूसरे भाई सत्यप्रकाश जो इन्द्रपुरम जीएमएस रोड रहते हैं वे भी चल बसे। कुछ घण्टों बाद सबसे छोटे भाई जो कुँवावाला में रहते थे वे भी गुजर गए।
गुप्ता ने कहा कि हमें तो लगा कि शायद पूरी दुनिया ही खत्म हो गयी। घर में बेटा भी संक्रमित था। इधर तीन तीन भाई एक ही दिन चल बसे। धस्माना गुप्ता परिवार की व्यथा सुन कर खुद भावुक हो गए व आंखें नम हो गयी। वैश्विक महामारी की इस अनहोनी चोट से गुप्ता परिवार के सदस्यों को उन्होंने सांत्वना दी कर मरहम लगाने की कोशिश की। आश्वासन दिया कि किसी भी आवश्यकता के लिए वे उनको याद कर सकते हैं।
इकलौता कमाने वाला नहीं रहा
धस्माना ने कोविड के कारण मृत तनवीर के परिजनों से मुलाकात की तो उनकी मां ने बताया कि घर में अकेले कमाने वाला था 45 वर्षीय तनवीर ही था। अब उसके बच्चे, पत्नी व पूरे परिवार का क्या होगा कोई नहीं जानता।
कुल 26 परिवारों से की मुलाकात
धस्माना दीप लोक में जेपी धस्माना, एनपी जगूड़ी, सरदार जसबीर सिंह, राकेश मित्तल, मित्रलोक कालौनी में महेश चंद्र शर्मा, वीरेंद्र शर्मा, सीता राम पुंज, अजय शर्मा, कमल कनौजिया, सी जूलियन, राम कुमार, प्रदीप शर्मा, जवाहर कालौनी में ताहिर महेंद्र विहार में अरविंद रावत, अतुल गुप्ता, श्रीदेवसुमन नगर में मोहनलाल, सत्य शर्मा, सोहन लाल, मनीष, विपिन्न शर्मा समेत सभी 26 परिवारों में गए जहां कोविड काल में कोरोना संक्रमण से मृत्यु हुई। धस्माना ने कहा कि उनकी यात्रा का सिलसिला चलता रहेगा। धस्माना के साथ क्षेत्रीय पार्षद संगीता गुप्ता, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष प्रमोद कुमार गुप्ता, अनिल मोहन आनंद, मेहताब, कासिफ, अनुराग गुप्ता, फुरकान प्रधान रहे।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।