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January 13, 2025

सीताराम येचुरी के निधन पर माकपा में शोक की लहर, उत्तराखंड में पार्टी ने झुकाए झंडे

प्रख्यात कम्युनिस्ट नेता मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के अखिल भारतीय महामंत्री सीताराम येचुरी के आकस्मिक निधन पर उत्तराखंड में पार्टी ने उनके सम्मान में अपना झंडा झुकाया तथा दो मिनट का मौन रखकर श्रृद्धांजलि दी। येचुरी के निधन पर देहरादून स्थित राज्य कार्यालय एवं जिला कार्यालय में झंडा झुकाया गया। इसी तरह पार्टी ने अन्य जिलों में स्थित कार्यालयों में भी झंडे झुकाकर दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि दी। साल 1975 में बतौर छात्र नेता उन्होंने इमरजेंसी का विरोध किया था। इसके लिए उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। परिवार ने अस्पताल को CPI(M) नेता की बॉडी डोनेट की है। वे तीन बार पार्टी के महासचिव रहे थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस दौरान पार्टी की ओर से कहा गया कि येचुरी ने अपना राजनैतिक सफर छात्र जीवन में एसएफआई छात्र संगठन से शुरू किया। वे एसएफआई के अखिल भारतीय महामंत्री एसएफआई तथा जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रहते हुऐ उन्होंने शिक्षा जगत के लिऐ महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे जनपक्षीय अर्थशास्त्री थे। तथा इस क्षेत्र में उनका महत्वपूर्ण योगदान को सदैव याद किया जायेगा।  (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पार्टी ने श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि येचुरी ने देश व दुनिया में अपनी पार्टी की प्रतिष्ठा स्थापित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उन्होंने साम्प्रदायिकता के खिलाफ तथा धर्म निरपेक्षता राष्ट्रीय एकता व अखण्डता में महत्वपूर्ण योगदान दिया। जन तन्त्र की हिफाजत के लिए उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय मुद्दों पर कई बार देश का नेतृत्व किया। उत्तराखंड पार्टी के निर्माण में उनके योगदान को सदैव याद किया जायेगा। वे देहरादून में आयोजित पिछले राज्य सम्मेलन में बतौर मुख्य वक्ता के रूप में रहे। उत्तराखंड की राज्य कमेटी सदैव उनके योगदान को याद करती रहेगी। पार्टी राज्य सचिव राजेन्द्र नेगी ने उनके सम्मान में राज्य कार्यालय का झण्डा झुकाया।

 

निमोनिया के चलते एम्स दिल्ली में हुआ था निधन
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी का 72 साल की उम्र में गुरुवार 12 सितंबर को निधन हो गया था। निमोनिया की शिकायत होने के बाद उन्हें 19 अगस्त को AIIMS दिल्ली में भर्ती कराया गया था। लंबे समय से उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। डॉक्टरों की एक मल्टीडिसिप्लिनरी टीम उनकी हालत पर नजर रख रही थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

सीताराम येचुरी की जिंदगी पर एक नजर
सीताराम येचुरी का जन्म 12 अगस्त 1952 को मद्रास (चेन्नई) में हुआ था। उनके पिता सर्वेश्वर सोमयाजुला येचुरी आंध्र प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम में इंजीनियर थे। वहीं, उनकी मां कल्पकम येचुरी एक सरकारी अधिकारी थीं। उन्होंने दसवीं कक्षा तक हैदराबाद में पढ़ाई की। इसके बाद उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए दिल्ली आए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

उन्होंने प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल, नई दिल्ली में दाखिला लिया। इसके बाद उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज, दिल्ली से अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) की पढ़ाई की और फिर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से एमए अर्थशास्त्र किया। छात्र नेता के तौर पर उन्होंने इमरजेंसी का जमकर विरोध किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

यहीं से सीताराम येचुरी की राजनीतिक पारी की शुरुआत हो गई। येचुरी 1974 में स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) में शामिल हो गए। इसके एक साल बाद उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) का दामन थाम लिया था। साल 1978 में येचुरी को एसएफआई के अखिल भारतीय संयुक्त सचिव के रूप में चुना गया और वे एसएफआई के अखिल भारतीय अध्यक्ष बने। साल 2005 में येचुरी को पश्चिम बंगाल से राज्यसभा के लिए भेजा गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

12वीं परीक्षा में देश भर में पहली रैंक हासिल की
सीताराम येचुरी ने 10वीं कक्षा तक ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की। वे 1969 के तेलंगाना आंदोलन के दौरान दिल्ली पहुंचे। येचुरी ने दिल्ली में प्रेसिडेंट्स एस्टेट स्कूल में एडमिशन लिया और CBSE हायर सेकेंडरी परीक्षा में ऑल इंडिया रैंक-1 हासिल की। उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से इकोनॉमिक्स में फर्स्ट रैंक से बीए (ऑनर्स) किया। फिर जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) से इकोनॉमिक्स में एमए किया। उन्होंने पीएचडी के लिए जेएनयू में एडमिशन लिया था। हालांकि, 1975 में इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तारी के कारण वह पीएचडी को पूरा नहीं कर सके। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

बेटे की हुई थी कोरोना से मौत
2021 में 34 साल के बेटे की कोरोना से मौत हुई थी। येचुरी की पत्नी सीमा चिश्ती पेशे से पत्रकार हैं। येचुरी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनकी पत्नी आर्थिक रूप से उनका भरण-पोषण करती हैं। उनकी पहली शादी वीना मजूमदार की बेटी इंद्राणी मजूमदार से हुई थी। इस शादी से उनकी एक बेटी और एक बेटा है। येचुरी के बेटे आशीष का 22 अप्रैल, 2021 को 34 साल की उम्र में COVID-19 के कारण निधन हो गया था।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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