आज़ाद देश में भूख की न स्याह रात हो। पेट से न मुलाक़ात हो। ग़रीबों की बस्ती में अब भूख...
poetry
तो जानूं ग़रीबों के आंसू पी लें, तो जानूं। ग़रीब आज सुख से जी लें, तो जानूं। उनकी राहों में...
मुहब्बत जीत गई। नफ़रत हार गई। प्रेम का सोत कभी सूख नहीं सकता। बरसने से नेह कभी रूक नहीं सकता।...
बादल बादल मनमानी पर उतरे। वर्षों हो गए , ये न सुधरे। दिन सुहावने सावन के वे हो गए अब...
आज़कल झूठ ने रफ़्तार पकड़ी हो रहा है मन विकल। घुटनों के बल ही रेंगता सच देख लो अब आजकल।।...
नदियां नदियां चलकर घर तक आईं। घर भी डरकर कांपे थर - थर। माटी के घर हैं जो जर्जर। आफ़त...
इन दिनों किताबों को छपवाने की बजाय इंटरनेट के माध्यम से रचनाओं को पाठकों के बीच पहुंचने का तरीका लेखकों...
बढ़ आगे चल... चल उठ, चल उठ, चल उठ बढ़ आगे चल-4 मैं बात पते की करने का गफलत में...
जीवन सुमन जीवन सुंदर फूलों जैसा गुणों की इसमें सुगंध होती है। मन को अपने निर्मल रखना अच्छे लोगों से...
सत्यं शिवं सुन्दरं अक्सर शिव जीता है हम सबके भीतर तब जब हम जिन्दगी के कष्टों को घूंट घूंट कर...