विचारों में नकारात्मकता का प्रवेश यूं ही नहीं होता, साफ मन का छले जाना, अलगाव का भाव मिल जाना, सही...
poetry
जीवन सुन्दर फूलों जैसा गुणों की इसमें सुगन्ध होती है। मन को अपने निर्मल रखना, बुराइयों से बचकर रहना। सच्चा...
अरे सुनो बसंत आया है, फिर सुहाना मौसम आया है, कुछ नए रंग, कुछ नए ख्वाब साथ लाया है, अरे...
आज देश का संविधान लागू हुआ, तुम अपना संविधान बना लेना, स्वतन्त्र देश के नागरिक हो तुम, हर चीज को...
कवयित्री शर्मिष्ठा के काव्य संग्रह ‘एक हलफनामा’ का लोकार्पण शनिवार सायं देहरादून स्थित दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार...
कितने सागर डूबे जिसमें । उन्हीं नयनों का नीर हूं मैं॥ हर पल जो जी रहा है डर -डर के।...
आज़ादी का हुआ सवेरा। पक्षी खुशियों से फ़िर चहके। फूल ख़ुशबू से फ़िर महके। कलरव का फ़िर हुआ बसेरा। मावस...
दोहा कर जोड़ी वंदन करूं, गुरु को शीश झुकाय। रामकथा तुमसे कहूं, हनुमत निकट बिठाय चौपाई सरयू तीरे है इक...
घटाओं की छलक पड़ी सुराही। धरती की सूखी चुनरी भींगी। वेणियों ने खुल पत्तियां सींची। पनघटों पर मची आवाजाही। बूंदों...
उजियारे दिन, काले हो गए। मौसम, बादल वाले हो गए। दीयों का नहीं दोष ज़रा - सा तम के साथ...