आओ जनता अब तो आओ होशो हवाश में ना आओ अब चुनावी जुमले के आगोश में, गांव अपना समर्पण करने...
poetry
एक हादसा- ना जाने कितनी कहानियां अधूरी रह गयी, एक हादसा- ना जाने कितनी निशानियां बुझ गयी, कइयों की मंजिलें...
हां ! असफलता जब जब खुद को दोहराती है हमें बहुत कुछ नया सिखाती है मेरी कलम से मेरा नाता...
सुनो आज कुछ लिखूं, इसका ख्याल आया है तो लिखूं क्या ये ख्याल ही नहीं बन पाया है, तो सोचा...
इश्क़, होता है होने दो, प्यार होता है होने दो। दिल न माने होने दो। प्रेम रस का पान हो...
जंग कह देना आसान है, जंग करना इतना आसान नहीं, श्रद्धांजलि देना आसान है, शहीद होना इतना आसान नहीं, बेशक़...
ना जाने कहाँ चला गया वो बचपन, ना जाने कहाँ चले गये वो बेफिक्री के दिन, कभी कंचों की दुकान...
अपारदर्शी घटना से जब एक भावपूर्ण इंसान का भाव शून्य हो जाता है जब गुजरता है इंसान इस राह से...
ऐसा तो कभी सोचा न होगा कितने अरमान होंगे मन में दबे, कितने सपने आंखों में बसे टूटकर चूर हो...
एक बार फिर कश्मीर जल रहा है, फिर वही आतंकवाद पल रहा है, निहत्थे बेकसूरों को मारकर मर्दानगी दिखाते हैं,...