मातृभाषा दिन कख ! हरच बोलि-भाषा, वीं खुज्यांणा छवां हम. हम छवां- भाषा हितैषी, इनु बतांणा छवां हम.. उन त...
साहित्य
चाणक्यवाद के लक्षण सब लगे राजनीति की धींगा- कुश्ती में, सब लगे राजनीति की नूरा- कुश्ती में। सब लगे राजनीति...
आया वसंत आया वसंत, आया वसंत । है चहुं ओर, छाया वसंत ।। मोहक है, माया वसंत । आया वसंत,...
सरस्वती अर्ज-गर्ज सरस्वती भगबती, हमूं तैं दे तु भलि मति। मति दे, शुद्धि दे, बुद्धि दे, बल दे माँ।। उपकार...
बचपन में एक पिक्चर देखी थी चौकीदार। पिक्चर की कहानी तो याद नहीं रही, लेकिन एक गाना जरूर याद है...
सूखे पत्ते कहते हैं सूखे पत्ते कहते हैं, सूख गया सो झड़ गया, अपनो से बिछड़ गया, पतझड़ के मौसम...
रोज़ा उठा-पोड़ रोज़-रोज़ा उठा-पोड़ मा,दिन इनी ठिलेंणा छन. एक- हैंका दगड़ि, बोलि- चालिक बितेंणा छन.. एक समै छौ, रात-दिन काम-काजे...
कद्र उसी की है जग में, जिसके मुंह पर खुशबू हो ! देवभूमि का रहने वाला हूं ! कभी पक्षपात...
बदला क्या है? बदला क्या है? कुछ भी तो नही! वही फीके चेहरे, वही तीखे तेवर, वही दिखावटी रिश्ते, वही...
फागुनी बयार आ गई है ऋतु सुहानी, वसंती बयार लेकर। फागुनी कोमल पवन वह, हाथ फेरे सिर पे सर सर।...