आ जा न वसन्त! ह्रदय से सारे तनाव लाभ हानि सफल असफल सम्मान- अपमान सारे द्वन्द्व अब मिटा दे मेरे...
शिक्षक एवं कवि रामचंद्र नौटियाल की कविता-मां
सब बजारु म निनि सुणेन्दा तान्दि का गीत गौं मा नि सुणेन्दा बाजूबन्द डाण्डि कांण्ठियूं म नि सुणेन्दी बल्दू की...
एक समय आयेगा एक समय आयेगा जब शहर से गांव को तरसेंगे लोग एक समय आयेगा जब पैदल चलने को...
मेरा गांव बत्तीस दांतो के बीच जैसी जिह्वा वैसा ही देवभूमि उत्तराखण्ड के उत्तरकाशी जिले में दशगी पट्टी के बीच...
नव दर्गा भवानी मां पहला रूप हिमालय सुता का दूजा ब्रह्मचारिणी तीजा चन्द्रघण्टा मां का कूष्माण्डा है चौथा पांचवा स्कन्दमाता...
सृष्टि परमात्मा भी कितना सुन्दर रचनाकार है ? कितनी सुन्दर रची है प्रभु तुमने सृष्टि! जहां तक डालो दृष्टि बस...
मन के सैलाब ऐ मेरे मन के सैलाब! तू निकल न जाना, हर समय कहीं गीत बन न जाना, ऐ...
नकल पर विश्वास है अकल पर नहीं हैप्पी न्यू इयर पर विश्वास है नये वर्ष पर नहीं उमंग उत्साह हमे...
आज सुबह से एक बात मेरे मन को कचोट रही थी आज रविवार था पर हल्का सा मुझे बुखार था...
पीड़ा से निकली आह! आह से निकला भाव भाव से निकली कविता कविता से निकला गान गान से निकली करुणा...