छोड़ो लौंडे की यारी जैसे गधे की सवारी सीधी साधी बात भारी कहती है यह दुनिया सारी छोड़ो लौडे की...
कविता
केवट का उद्धार किया, रावण का संहार किया, जब हरि ने श्री राम रूप में अवतार लिया, माता कौशल्या की...
गुरु गुरु गुरु गुरु गुरु गुरु गुरु गुरु गुरु गुरु गुरु गुरु गुरु नहीं मिले नहीं मिले नहीं मिले नहीं...
खुद की खामोशी में छिपे शोर से एक रोज रिहा हो जाएंगे जब तब बताएंगे पहचाना तो सही थोड़ा जान...
लोग पहाड़ मैदान करते रहे, यहाँ मैदान पहाड़ दोनों सूख गये, लोग राजनीति के गीत गाते रहे, यहाँ लाखों लोग...
विचारों में नकारात्मकता का प्रवेश यूं ही नहीं होता, साफ मन का छले जाना, अलगाव का भाव मिल जाना, सही...
जीवन सुन्दर फूलों जैसा गुणों की इसमें सुगन्ध होती है। मन को अपने निर्मल रखना, बुराइयों से बचकर रहना। सच्चा...
अरे सुनो बसंत आया है, फिर सुहाना मौसम आया है, कुछ नए रंग, कुछ नए ख्वाब साथ लाया है, अरे...
आज देश का संविधान लागू हुआ, तुम अपना संविधान बना लेना, स्वतन्त्र देश के नागरिक हो तुम, हर चीज को...
कवयित्री शर्मिष्ठा के काव्य संग्रह ‘एक हलफनामा’ का लोकार्पण शनिवार सायं देहरादून स्थित दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सभागार...