जै उत्तराखंड उत्तराखंड की भूमि महान। देवभूमि अति पावन धाम॥ यहां पर हम पर्वत -पर्वत मंदिर। यहाँ के कण -कण...
कवयित्री
मुझे मेरे हिस्से का आसमान चाहिए। मुझे मेरे हिस्से का आसमान चाहिए। थोड़ी सी जमीं नहीं सारा जहान चाहिए। मैं...
गुरु -स्तवन ये मेरे अन्तर्मन् के उद्गार जीवन सद्गुरु का आभार। मात पिता ने जन्म दिया गुरु ने सौंपा ज्ञानागार।...
शब्द ढूंढती रही क्या कहूं, कैसे कहूं मैं सदा यूं सोचती रही दिल में हजारों जख्म थे मरहम तुमसे मिले,...
बीति ताहि बिसार दे बैचेन मन सोचता बहुत है तर्क बितर्क के जंजाल में वो फंसता सा चला जाता है...
माता सरस्वती तू दैणी ह्वै जैई आशीष अपणु मीथै भी दे देई माता सरस्वती तू दैणी ह्वै जैई ज्ञानकु भंडार...
बोल-बाबा कूं मुलक हे ऊंची डाण्डियों तुम निशी ह्वावा बाबाजी कूं मुलक देखण द्यावा। घनी कुलांई तुम निशी ह्वावा बाबाजी...
माँ आज मेरी ।CU में है ।माँओ माँमेरी प्यारी माँऊँगली तेरी थाम सीखा था मैंने चलना ।किन्तु आज हम सब...
ठूँठ हाँ मै हूँ एक टूटा दरख़्त,अकेला गुमनाम एक ठूँठ।पर मायूस नहीं हूंँ,न मन मलीन है मेरा। वर्षा ऋतु की...
इगास बग्वाल उत्तराखंड का रीति -रिवाज,कख हरची होला आज।दाना सयाणू की रखी पछयांण,कख हरची होली इगास बग्वाल। चौक, तिवरी, डिन्डयाली,...