ललित मोहन गहतोड़ी का कुमाऊंनी छबीली गीत- ओ छोरी

ओ छोरी विमला, हाय छोरी विमला।
पढ़ि ले अआ-कख, लेखि ले इमला।।
ओ छोरी…
पढ़ि-लेखि बेर विमु, मिटलो अज्ञान।
पढ़न-लेखन विमु, बात भलि जान।।
धरि लिए ध्यान विमु, पढ़नि की बात।
लेखन सिखि ले विमु, चिट्ठी रौली आस।।
ओ छोरी… (जारी, अगले पैरे में देखिए)
सबै छोरा-छोरी विमु, मोबाइल चलौनि।
फोटूक खिचनी रोज विमु, स्टेटस लगौनि।।
नई-नई तकनीकी विमु, रोज चलि ऊंनि।
पढ़न लेखन भै जरूरी, धर ध्यान कूंनि।।
ओ छोरी…
पढ़ ले लेखि ले विमु, मन लागौ आस।
पढ़न लेखन विमु, बलि ठुलि बात।।
दिन बिति जाला विमु, रै जालिन याद।
आपनो छ ज्ञान विमु, आपनि भै आस।।
ओ छोरी…
रचनाकार का परिचय
रचनाकार ललित मोहन गहतोड़ी काली कुमाऊं चंपावत से प्रकाशित होने वाली वार्षिक सांस्कृतिक पुस्तक फुहारें के संपादक हैं। वह जगदंबा कालोनी, चांदमारी लोहाघाट जिला चंपावत, उत्तराखंड निवासी हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।