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November 8, 2024

है ना कमाल, इस फोटो को देखकर बताओ कहां छिपा है दूसरा बाघ, नहीं तलाश पाओ तो पढ़ें पूरा समाचार

हम आपको एक फोटो दिखा रहे हैं। इसके साथ ही ये दावा भी कर रहे हैं कि इसमें दो टाइगर (बाघ) हैं। आप आंखों से देखोगे तो आपको एक ही टाइगर दिखेगा।

हम आपको एक फोटो दिखा रहे हैं। इसके साथ ही ये दावा भी कर रहे हैं कि इसमें दो टाइगर (बाघ) हैं। आप आंखों से देखोगे तो आपको एक ही टाइगर दिखेगा। आप हर एंगिल से कोशिश करोगे, लेकिन सिर पकड़कर बैठ सकते हो। ऐसा नहीं है कि ये बात सब पर लागू होती है। कुछ लोग दूसरे टाइगर को तलाश भी कर लेंगे। जरा मेहनत करने की जरूरत पड़ेगी।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक बाघ की तस्वीर में पहली नजर में तो आपको एक ही बाघ नजर आएगा। आप ध्यान से देखेंगे तो इस तस्वीर में आपको दो बाघ दिखाई देंगे। इस तस्वीर को देखकर बहुत से लोग हैरान हैं, क्योंकि बहुत कोशिश करने के बावजूद भी उन्हें तस्वीर में दूसरा बाघ दिखाई नहीं दिया। वो बाघ की फोटो को ही तलाश रहे हैं, जबकि तस्वीर में टाइगर लिखा हुआ है।
बाघ के शरीर पर नजर आ रही धारियों में ही दूसरा टाइगर छिपा है। तस्वीर में नज़र आ रहे बाघ के शरीर पर बनी धारियों में ही आप गौर से देखें तो अंग्रेजी में टाइगर (Tiger) शब्द लिखा है। बाघ के सामने के पैर, शरीर और पिछले पैर को करीब से देखने पर, “दूसरे बाघ” को प्रदर्शित करने वाला शब्द लिखा हुआ देखा जा सकता है।
ऑप्टिकल इल्यूजन आधुनिक इंटरनेट संस्कृति में एक मुख्य आधार है। इसमें कई तस्वीरें ऑनलाइन लोगों की ओर से शेयर की जाती हैं। इन भ्रमों के लिए एक वेबसाइट भी है, जिसमें हर साल एक प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। बेस्ट इल्यूजन ऑफ द ईयर कॉन्टेस्ट’ वेबसाइट के अनुसार, यह आयोजन भ्रम और धारणा की प्रतियोगिता है। दुनिया के प्रमुख भ्रम रचनाकारों की सरलता द्वारा निर्मित साइट आगे कहती है कि दृश्य वैज्ञानिक, नेत्र रोग विशेषज्ञ, न्यूरोलॉजिस्ट और कलाकार भ्रम समुदाय बनाते हैं।

प्रतियोगिता न्यूरल कोरेलेट सोसाइटी (एनसीएस) की एक पहल है। जो एक गैर-लाभकारी संगठन है। इसका उद्देश्य वैज्ञानिक अनुसंधान को “धारणा और अनुभूति के तंत्रिका संबंधी संबंधों में” बढ़ावा देना है। वेबसाइट के अनुसार, संगठन “धारणा वैज्ञानिकों, नेत्र रोग विशेषज्ञों, न्यूरोलॉजिस्ट और कलाकारों के एक समुदाय की सेवा करता है। जो भ्रामक धारणा के आधार को खोजने में मदद करने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग करते हैं।

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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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