होली पर्व के मद्देनजर बदला जुम्मे की नमाज का समय, समाजसेवियों ने जताया शहर काजी का आभार

शुक्रवार 14 मार्च को होली पर्व के साथ ही जुम्मे की नमाज भी थी। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में इस दिन दोनों धर्म के लोगों ने अपने अपने तरीके से अपने धर्म का पालन किया। हिंदुओं ने सुबह से लेकर दोपहर तक खूब होली खेली। वहीं, मुस्लिमों ने जुम्मे की नमाज का समय बदल कर भाईचारे का संदेश दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
देहरादून में हिंदुओं के पावन पर्व होली पर जुम्मे की नमाज का समय दोपहर बाद करने के निर्णय का आह्वान करने के साथ ही शांति और सद्भावना का संदेश शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने दिया। ऐसे में दोनों धर्म के लोगों ने अपने अपने धर्म के आधार पर परंपराओं को कायम रखा। आज शनिवार 15 मार्च को समाजसेवियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पुष्प गुच्छ देकर शांति और सौहार्द का संदेश देने के लिए शहर काजी का आभार प्रकट किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस अवसर पर शहर काजी मोहम्मद अहमद कासमी ने कहा कि गंगा जमुना तहजीब ही इस देश की असली पहचान है। हमें परस्पर एक दूसरे से सद्भावना रखनी चाहिए और अमन चैन से रहकर अपने देश की तरक्की के लिए कार्य करना चाहिए। प्रतिनिधि मंडल में शामिल समाजसेवी मोहन खत्री, सुजाता पॉल, सत्य प्रकाश चौहान, पंकज सिंह क्षेत्री, सुनील थपलियाल ने शहर काजी के इस निर्णय पर उनका आभार व्यक्त किया।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।