जयपुर के तेजाजी मंदिर में मूर्तियां खंडित, दिया जाने लगा सांप्रदायिक रंग, पकड़ा गया हिंदू राजपूत

ऐसी कई घटनाएं हो चुकी हैं, जिन्हें सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई और आरोप अल्पसंख्यकों पर लगा। बात में पता चला कि साजिशकर्ता हिंदू ही थे। इसी तरह का ताजा मामला राजस्थान की राजधानी जयपुर का है। जयपुर के सांगानेर थाना इलाके के प्रताप नगर सेक्टर-3 स्थित वीर तेजाजी मंदिर में शुक्रवार 28 मार्च की रात को किसी ने मूर्तियां खंडित कर दी। मामले को सांप्रदायिक रंग दिया जाने लगा। वहीं, पुलिस ने जब इस मामले के आरोप में एक हिंदू राजपूत को गिरफ्तार किया तो तूल देने वालों के मुंह बंद हो गए। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बीकानेर के बीछवाल हाल गली नम्बर तीन राजापार्क निवासी सिद्धार्थ (34) को गिरफ्तार कर लिया है। वह हिंदू राजपूत है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
28 मार्च की रात को किसी व्यक्ति ने भगवान तेजाजी की मूर्ति क्षतिग्रस्त कर दी। उसके अगले दिन कई हिंदूवादी संगठन बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद के लोग सड़कों पर आ गए। इन लोगों ने प्रदर्शन किए। नारे लगाए। पत्थरबाजी और आगजनी भी हो गई। उपद्रव में 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने तीन घंटे हाईवे भी जाम किया था। आरोप लगा कि बीजेपी की सरकार होने के बाद भी हिंदुओं के मंदिरों पर हमले हो रहे हैं। आरोप मुसलमानों पर लगा। पुलिस पर दबाव बनाया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
पुलिस ने छानबीन की और सौ से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज को खंगाला तो आरोपी पकड़ में आया। आरोपी युवक सिद्धार्थ सिंह बीकानेर का रहने वाला है और वह जयपुर के राजापार्क में किराए का मकान लेकर रहता है। शुक्रवार आधी रात के बाद शराब के नशे में धुत होकर सिद्धार्थ सिंह प्रताप नगर स्थित तेजाजी मंदिर के पास रुका। थोड़ी देर वहां खड़ा रहकर इधर उधर देखा। इसके बाद रात्रि करीब सवा तीन बजे उसने वीरे तेजाजी महाराज की मूर्ति को खंडित कर दिया। सांगानेर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बताया जा रहा है कि राजापार्क में तमस कैफे के नाम से रेस्टोरेंट चलाता था। लेकिन, उसे पैसों की कमी चलते बंद करना पड़ा। जिसकी वजह से वह काफी दिनों से मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। इसके लिए उसने भगवान को जिम्मेदार माना और गुस्से में वीर तेजाजी की तीन मूर्तियां खंडित कर दीं। पुलिस की पूछताछ में सिद्धार्थ सिंह ने बताया कि वह इस घटना से पहले एक होटल में दोस्त से मिलने गया, जहां उसने शराब पार्टी की। वहां से आने के बाद उसने रास्ते में कुत्तों को खाना खिलाया। इसके बाद मंदिर पहुंचकर पहले वीडियो बनाया और कहा- आपने मेरे साथ अच्छा नहीं किया और मूर्तियों को खंडित कर दिया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मंगेतर को भेज दी थी फोटो
उसने आगे कहा कि उसने क्षतिग्रस्त मूर्तियों की फोटो खींची और अपनी मंगेतर को भेज दी। वह घटना के बारे में भूल गया था, लेकिन बाद में फोटो देखने के बाद उसे एहसास हुआ कि उसने क्या किया है। दिन में मंगेतर ने बताया कि मूर्तियां खंडित करने के कारण विवाद हो गया है।
सीसीटीवी फुटेज की वजह से पकड़ में आया आरोपी
डीसीपी ईस्ट तेजस्वनी गौतम ने बताया कि शनिवार 29 मार्च की सुबह प्रताप नगर स्थित मंदिर में लोकदेवता तेजाजी मंदिर में मूर्ति खंडित किए जाने की घटना की जानकारी मिली। इस वारदात की वजह से लोगों की आस्था को ठेस पहुंची। इसके कारण सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस टीम सुबह से ही सनकी युवक की तलाश में जुट गई थी। मंदिर के पास ही लगे एक सीसीटीवी कैमरे को देखने पर एक संदिग्ध कार से युवक उतरता हुआ दिखाई दिया। इसके बाद पुलिस ने एक के बाद एक करीब सौ से ज्यादा फुटेज चेक करते हुए संदिग्ध व्यक्ति तक पहुंच गई। जयपुर पुलिस ने 100 से ज़्यादा सीसीटीवी कैमरों की फुटेज के आधार पर सिद्धार्थ सिंह को एक होटल में ट्रैक किया, जहां से उन्हें पिछली रात की सीसीटीवी फुटेज मिली। जहां पुलिस उसके घर पहुंची और गिरफ़्तार किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आरोपी के खिलाफ तीन मामले दर्ज
डीसीपी (ईस्ट) तेजस्वनी गौतम ने बताया कि घटना को लेकर सांगानेर थाने में तीन मामले दर्ज करवाए गए हैं। पहला मामला पुजारी मनोज ने मूर्तियां खंडित करने का करवाया है। पुलिस ने सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने, आगजनी करने का मामला दर्ज कराया है। तीसरा केस मैनेजर रमेश ने दर्ज कराया है। इसमें पेट्रोल पम्प पर तोड़फोड़ और आग लगाने के प्रयास की रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यूपी में भी दो साल पहले रची गई थी साजिश
उत्तर प्रदेश के आगरा में दो साल पहले रामनवमी के मौके पर गोवंश काटकर सांप्रदायिक माहौल खराब करने की साजिश रची गई थी। इस मामले का जब खुलासा हुआ थो पता चला कि मुस्लिम युवकों को फसाने के लिए हिंदुत्ववादी संगठन के लोगों ने खुद गौहत्या करके साज़िश रची। पुलिस की मुस्तैदी से मामले का खुलासा हो पाया। पूरी खबर को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
पढ़ेंः रामनवमी में हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने साजिश से कटवाया गोवंश, पुलिस ने किया खुलासा
कई बार हो चुके हैं प्रयास
यही नहीं लोगों की भावनाओं को भड़काने के लिए या फिर अपने स्वार्थ को पूरा करने के लिए ऐसे प्रयास कई बार हो चुके हैं। हाल ही में गाजियाबाद में गोशाला कब्जाने के लिए तो गोमांश गोशाला में डाल दिया गया। आरोप लगा दिया गोशाला में गोकशी होती है। सहारनपुर में एक बीजेपी नेता विश्व सिंह ने गोवंश के कटे सर को लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया। आरोप मुस्लिमों पर लगा दिया। पूछताछ में पता चला कि उसने 50 हजार रुपये लेकर खुद ही ऐसा किया। हिंदुत्ववादी संगठनों को मौका चाहिए, सिर्फ लोगों के जज्बात को भड़काने का। सच्चाई का पूरा पता होना चाहिए।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।