मूल रूप से उत्तराखंड में जौनसार बावर निवासी अनिल दत्त शर्मा भारतीय सूचना सेवा में कार्यरत हैं। वर्तमान में वह...
साहित्य जगत
और रात आ जाती हैपर्वत की पीठ पर बैठा सूरजस्थिर नहीं रहता।लुढ़कता हुआ,धार के पार चला जाता है।केवल रक्तिम आभा-क्षितिज...
यह जीवन भी क्या रहस्य है ! मन कितना खुश होता है !जब मिल जाते हैं,अपने लोग।हृदय हिलोरें भरता है,जब...
एक शक्ल के दो व्यक्ति कई बार मिल जाते हैं। ऐसा ज्यादातर जुड़वां भाई या जुड़वां बहनों में देखा जा...
भूख और गरीबी।शरीर और मन का ऩाश करती हैंतिल-तिल कर मरने को मजबूर करती हैं।भूल जाता है प्राणी जीवन का...
मैं अर्थशास्त्र का व्यक्ति नहीं हूं, लेकिन आर्थिक स्थितियों को लेकर एक मोटी समझ रखता हूं। इस वक्त भारत की...
गढ़वाल के एक जनपद की एक सुनसान व उबड़-खाबड़ सड़क पर बड़े साहब की कार दौड़ रही थी। रात के...
लौटेगा क्या बीता बचपन ? लौटेगा क्या मीठा बचपन अरु वह ऊर्जावान जवानी ,मित्र पुराने साथी- सहपाठी अरु जीवन कथा...
किस कदर मैला हुआ है।ये बदन पहना हुआ है।। गूंजती इसमें अजानें।दिल मेरा मक्का हुआ है।। क्या कहें किससे कहें...
हो के मग़रूर मुझे उसने सताया होगा।पैर की जूती समझ मुझको रुलाया होगा।। रोज़ ताने सुना दिल मेरा दुखाया उसने।नौकरी...
