Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 11, 2025

अशोक आनन का गीत-मनभावन सावन है

मनभावन सावन है।
मौसम भी पावन है।
मैली धरती का भी
अब उजला दामन है।
कृष्ण – भक्ति में डूबा
मन का वृंदावन है।
सप्त पुरी , द्वादश लिंग
शक्ति पीठ वावन है।
तुलसी बिरवा सज्जित
अब घर का आंगन है।
दु:ख की उखड़ी – उखड़ी
अब लीपन – छाबन है।
घर का कोना – कोना
महकाता माखन है।
पेट के घर भूख़ का
कहां अब शासन है।
मेघों के लिए धूप
आवारा डायन है।
कवि का परिचय
अशोक ‘आनन’, जूना बाज़ार, मक्सी जिला शाजापुर मध्य प्रदेश।
Email : ashokananmaksi@gmail.com

Bhanu Prakash

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *