Loksaakshya Social

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

Social menu is not set. You need to create menu and assign it to Social Menu on Menu Settings.

September 16, 2025

अशोक आनन का गीत- बचपन

बचपन
अपना बचपन
बचाके रखना।
भूल न जाना
बचपन के खेल।
पल में झगड़ना
पल में मेल।
गुड्डा – गुड़िया
बचाके रखना।
काग़ज़ – कश्ती
डूब न जाए।
खेल – खिलौने
भूल न जाएं।
सम्बोधन हर
बचाके रखना।
चना – चबेना
गुड़ और धानी।
नानी की वे
अमर कहानी।
यादों में सब
बचाके रखना।
सावन – सेरे
भादौ की झड़।
मां का बिरवा
बाबा का बड़।
घर में आंगन
बचाके रखना।

गिल्ली – डंडा
पकड़ापाटी।
खेले जिसमें
हम, वो माटी।
थोड़ी छइया
बचाके रखना।
ककड़ी – भुट्टे
ऊमी – होळा।
खोळा पइसा
बंडी, झोळा।
खटिया, कथरी
बचाके रखना।
कवि का परिचय
अशोक ‘आनन’, जूना बाज़ार, मक्सी जिला शाजापुर मध्य प्रदेश।
Email : ashokananmaksi@gmail.com
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।

Bhanu Prakash

लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *