समर कैंप में गढ़वाली व्यंजन के साथ गीतों की मिठास, नुक्कड़ नाटक का तड़का, विभिन्न भाषा और बोलियों की चटनी

देहरादून के ऋषिकेश में गंगोत्री विद्या निकेतन इंटर कॉलेज सुमन विहार बापूग्राम में चल रहे समर कैंप में विशेष सत्र का आयोजन किया गया। इसमें छात्राओं को पारंपरिक गढ़वाली व्यंजनों के बारे में जानकारी के साथ साथ गीतों की सुंदरता साथर्कता, उपयोगिता, भाषा की महत्ता, किताबों से बाते और नुक्कड़ नाटक के प्रभाव की जानकारी दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इन दिनों ग्रीष्म अवकाश के चलते पूरे उत्तराखंड में विभिन्न कार्यशालाएं चल रही हैं। गंगोत्री विद्या निकेतन इंटर कॉलेज में चल रही कार्यशाला में पहाड़ी लूण, सिलबट्टे की चटनी व रोटाने(रोट) आदि पारंपरिक व्यंजनों को बनाना सिखाया गया। गृह विज्ञान की शिक्षिका गौरा ने इन व्यंजनों को बनाने की विधि विस्तार से समझाई। सभी विद्यार्थियों को ये भी बताया गया कि हमारे पारंपरिक भोजन पोषण की दृष्टि से स्वास्थ्य के लिए कितने महत्वपूर्ण होते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दूसरे सत्र में देहरादून से आये रंगकर्मी डॉ वीके डोभाल, सतीश धौलाखंडी व धर्मानन्द लखेड़ा ने गीतों के महत्व को बताया। धर्मानन्द लखेड़ा ने इंसानियत और भाईचारे को लेकर गीत इंसान का इंसान से हो भाई चारा, यही पैग़ाम हमारा, सुनाया। इनके बाद सतीश धोलाखंडी ने इस धरती को मिलकर स्वर्ग बनाएंगे, किताबें हमसे बातें करती हैं, पेड़ हैं साँसे पेड़ हैं जीवन आदि श्रृंखलाबद्ध गीत बच्चों के स्वर में स्वर मिलाकर और गाकर छात्र- छात्राओं को महत्वपूर्ण संदेश दिया। इसको सभी बच्चों ने ख़ूब पसंद किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

समर कैंप का उद्देश्य इन सभी विविधताओं से बच्चों को अवगत कराना है। प्रबोध उनियाल ने संचालन करते हुए शिक्षा के साथ रंगमंचीय गतिविधियों में भी भाग लेने को कहा। योगाचार्य शुभम ने छात्र-छात्राओं को योग का महत्व बताया। विभिन्न योग मुद्राएं सिखाने के अलावा जीवन में योग के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षक रामप्रसाद उनियाल, साधना ध्यानी, गौरा ,संतोषी खंतवाल, पिंकी राजभर,अंजना कंडवाल व सैफाली और बड़ी संख्या में प्रतिभागी बच्चे मौजूद रहे।
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Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।