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September 29, 2024

भोजनमाताओं ने किया सचिवालय कूच, सड़क पर दिया धरना, आश्वासन पर प्रदर्शन समाप्त

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विभिन्न मांगों को लेकर उत्तराखंड में सीटू से संबद्ध उत्तराखंड भोजनमाता कामगार यूनियन से जुड़ी महिलाओं ने देहरादून के गांधी पार्क के निकट सीटू कार्यालय से सचिवालय के लिए कूच किया। सचिवालय से पहले पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया। इस पर भोजनमाताएं सड़क पर ही धरने पर बैठ गईं। बाद में शिक्षा महानिदेशक से वार्ता के पश्चात प्रदर्शन समाप्त किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

पिछले काफी समय से भोजनमाताएं आंदोलन कर रही हैं। भोजनमाताओं ने हाल ही में शिक्षा निदेशालय में भी कई दिनों तक धरना दिया था। तीन मार्च को सीएम पुष्कर सिंह धामी से आशाओं, आंगनवाड़ी और भोजनमाताओं का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल भी मिला था। सीटू के प्रांतीय सचिव लेखराज ने बताया कि सीएम से मुलाकात के बाद भोजनमाताओं के मानदेय बढ़ाने के साथ ही विभिन्न मांगों पर सहमति बन गई थी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

भोजनमाताओं की मांगे
भोजनमाताएं न्यूनतम वेतन, सामाजिक सुरक्षा, ईएसआई, भविष्यनिधि, ग्रेजुएटी, पेंशन का लाभ देने की मांग कर रही हैं। साथ ही भोजन माताओ से अतिरिक्त कार्य करवाने पर रोक लगाने, नियुक्ति पत्र देने, चुनावों में पोलिंग पार्टियों के लिए भोजन बनाने का भुगतान करने, स्कूलों में उनके उत्पीड़न पर रोक लगाने आदि मांग भी शामिल हैं। साथ ही एक महत्वपूर्ण मांग ये है कि भोजन माताओ को निकालने के शासनादेश को वापस लिया जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

इस अवसर पर सीटू के प्रांतीय सचिव ने लेखराज ने कहा कि उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से तीन मार्च को आशा, आंगनवाड़ी व भोजनमाताओं की हुई वार्ता के दौरान मानदेय बढ़ाने सहित विभिन्न मांगों पर सहमति देते हुए मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

 

उन्होंने बताया कि इतने समय बाद भी अभी तक मानदेय बढ़ोत्तरी का आदेश जारी नही किया गया है। इससे भोजन माताओ में रोष व्याप्त है। भोजन माताएं 3000 रुपये में कार्य करती हैं। उन्हें मानदेय भी सिर्फ 11 माह का ही मिलता है। जो की बहुत कम है। यदि मांग पूरी नहीं की गई तो इसका खामियाजा सरकार को लोकसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)

धरने के दौरान यूनियन के प्रतिनिधिमंडल में यूनियन की महामंत्री मोनिका, रेखा राणा, रोशनी कैंतुरा ने शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी से वार्ता की और अपनी मांगे रखी। इस पर उन्होंने आश्वस्त किया कि उनके मानदेय में वृद्धि का शदनादेश जल्द ही जारी होगा। विवादित शाशनदेश जिसमे भोजनमाताओ के बच्चे स्कूल में नही पढ़ रहे हैं, ऐसी परिस्थिति में उन्हें कार्य से निकालने संबंधी शासनादेश को निरस्त करने की बात भी कही। इससे भोजन माताओं को निकालने पर रोक लग सकेगी। प्रदर्शनकारियों में सीटू के उपाध्यक्ष भगवंत पयाल, कमला गुरुंग, बबीता, प्रेमा, मीना नेगी, सुनीता देवी, प्रमिला भंडारी, शांति देवी, अनीता, पूनम, निशा, सुचिता आदि शामिल थीं।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।

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