केंद्रीय कर्मचारियों को झटका, फिलहाल आठवां वेतन आयोग के गठन की नहीं है योजना
1 min readकेंद्रीय कर्मचारी इस आस में थे कि वर्ष 2024 से लोकसभा चुनाव से पहले उनके लिए अच्छी खबर आएगी। ये खबर आठवें वेतन आयोग के गठन की होगी। उनकी इस उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। कारण ये है कि केंद्र सरकार की अगले साल होने वाले आम चुनाव 2024 से पहले लगभग 48.67 लाख केंद्रीय कर्मचारियों तथा 67.95 लाख पेंशनभोगियों के लिए आठवां वेतन आयोग गठित करने की कोई योजना नहीं है। वित्तसचिव टीवी सोमनाथन ने इसका खुलासा किया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वित्तसचिव ने गुरुवार को कहा कहा कि आठवां वेतन आयोग गठित करने के संबंध में कोई योजना नहीं है। फिलहाल ऐसा कुछ लंबित नहीं है। दरअसल, अतीत में आम चुनाव से पहले केंद्र सरकारें अपने कर्मियों, सशस्त्रबल कर्मियों और पारिवारिक पेंशनभोगियों को लुभाने के लिए वेतन आयोगों के गठन या उनकी सिफ़ारिशों को लागू करने को असरदार औज़ार की तरह इस्तेमाल करती रही हैं। वर्ष 2013 के सितंबर माह में कुछ राज्यों के विधानसभा चुनाव तथा आम चुनाव 2014 से कुछ ही माह पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) सरकार ने 7वां वेतन आयोग गठित किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बहरहाल, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ऐसे किसी भी कदम से परहेज़ किया है। अब आठवें वेतन आयोग के स्थान पर नई पेंशन योजना की समीक्षा पर फोकस किया है, जो राज्यों और केंद्र सरकार के नए कर्मचारियों के लिए विवाद का विषय बन चुकी है। वर्तमान पेंशन योजना के अंतर्गत कर्मचारी अपने मूल वेतन का 10 फ़ीसदी योगदान दिया करते हैं, जबकि सरकार उसी खाते में कर्मचारी के मूल वेतन का 14 फ़ीसदी जमा किया करती है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
यह योजना राजनीतिक रूप से विवादों को जन्म दे चुकी है। विपक्ष-शासित कई राज्य सरकारें पुरानी पेंशन योजना की तरफ़ जा रही हैं। जिनके अंतर्गत पेंशनभोगी को उसके अंतिम मासिक वेतन के 50 फ़ीसदी की गारंटी मिलती है। वह भी कर्मचारी की ओऱ से किसी भी योगदान के बिना ये गारंटी है। ऐसे में केंद्र सरकार ने पेंशन प्रणाली की समीक्षा के लिए वित्तसचिव के नेतृत्व में समिति का गठन किया था, जिसके बारे में टी.वी. सोमनाथन ने कहा कि हमने सभी संबद्ध पक्षों के साथ सलाह-मशविरा पूरा कर लिया है और हमारी रिपोर्ट जल्द ही दाखिल हो जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
माना जा रहा है कि सरकार कुछ बदलाव कर यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर सकती है कि प्रत्येक कर्मचारी को उनके अंतिम वेतन का कम से कम 40 से 45 फ़ीसदी हिस्सा पेंशन के तौर पर हासिल हो।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।