सरकार का दावाः बेरोजगार संघ से वार्ता के बाद आंदोलन समाप्त, युवकों ने कहा-आंदोलन जारी, कांग्रेस ने किया कूच
आठ फरवरी से उत्तराखंड में बेरोजगारों के चल रहे आंदोलन में शनिवार को नया मोड़ आ गया। सरकार ने दावा किया कि बेरोजगारों के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम धामी से मुलाकात की और आंदोलन को समाप्त करने की घोषणा की। वहीं, बेरोजगारों ने कहा कि उनका आंदोलन जारी है। संघ के नेता जेल में हैं। फिर सीएम से कौन मिला। साथ ही युवाओं का दावा है कि सीएम से मिलने वालों में सरकारी कर्मचारी और बीजेपी के लोग हैं। बेरोजगार युवा सत्याग्रह कर रहे हैं और सरकार आंदोलन को तोड़ने के लिए नई चाल चल रही है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
आठ फरवरी से चल रहा है आंदोलन
आठ फरवरी से उत्तराखंड के बेरोजगारों में उबाल है। बेरोजगार सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं। सरकार की ओर से शनिवार को प्रेस नोट जारी करते हुए ये दावा किया गया है कि आज शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल ने सुबह वार्ता की। सीएम ने बताया कि वार्ता सकारात्मक रही। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार निष्पक्ष, नक़ल विहीन और पारदर्शी परीक्षा कराने के लिए प्रतिबद्ध है। देश का सबसे कड़ा नक़ल विरोधी क़ानून उत्तराखंड राज्य में लागू हो गया है। कल होने वाली पटवारी/लेखपाल भर्ती परीक्षा को शांति पूर्ण, निष्पक्ष और नकल विहीन कराने के लिए समस्त तैयारियाँ पूर्ण कर ली गई हैं। इस पर बेरोजगारों ने आंदोलन समाप्त करने की घोषणा की। वहीं, इसके उलट आज कांग्रेसियों ने फिर से पुलिस मुख्यालय तक कूच किया। बेरोजगार संघ का धरना भी जारी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
लाठीचार्च के बाद बिगड़ा माहौल
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ ने आठ फरवरी से भर्ती घोटालों की सीबीआइ से जांच कराने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू किया था। देहरादून में आठ फरवरी की रात को गांधी पार्क में धरने पर बैठे कुछ बेरोजगारो को पुलिस ने जबरन उठाने का प्रयास किया तो नौ फरवरी को पूरे प्रदेशभर में आंदोलन शुरू हो गया। देहरादून में तो गांधी पार्क के आसपास हजारों युवा प्रदर्शन करने लगे। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। यही नहीं, दस फरवरी को भी अधिकांश शहरों में धारा 144 लगाने के बावजूद बेरोजगार सड़कों पर उतरे। वहीं, सख्त नकल विरोधी अध्यादेश पर राज्यपाल ने मुहर लगा दी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है सरकारी प्रेस नोट
सरकार की ओर से जारी प्रेस नोट को हम हूबहू उसी तरह से प्रकाशित कर रहे हैं, जैसा कि प्रेस नोट जारी किया गया। इनमें लिखा गया है कि- आज बेरोज़गार संगठन के प्रतिनिधि मण्डल के साथ वार्ता हुई। वार्ता सकारात्मक रही। हमारी सरकार निष्पक्ष, नक़ल विहीन और पारदर्शी परीक्षा कराने के लिये प्रतिबद्ध है। देश का सबसे कड़ा नक़ल विरोधी क़ानून उत्तराखंड राज्य में लागू हो गया है। कल होने वाली पटवारी/लेखपाल भर्ती परीक्षा को शांति पूर्ण,निष्पक्ष और नकल विहीन कराने के लिये समस्त तैयारियाँ पूर्ण कर ली गई हैं। अभ्यर्थियों को परीक्षा केन्द्र तक आने-जाने के लिये नि:शुल्क परिवहन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। कल की परीक्षा में सम्मिलित होने वाले सभी अभ्यर्थियों के उज्वल भविष्य हेतु मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दूसरे प्रेस नोट में लिखा गया है कि-मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से शनिवार को मुख्यमंत्री आवास में बेरोजगार संघ एवं पीसीएस मुख्य परीक्षा अभ्यर्थी संघ के प्रतिनिधियों ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि गत दिनों देहरादून में धरना प्रदर्शन के दौरान कुछ अभ्यर्थियों पर विभिन्न धाराओं के तहत करवाई चल रही है, उनको कल होने वाली लेखपाल भर्ती की लिखित परीक्षा की अनुमति दी जाए। मुख्यमंत्री ने डीजीपी को निर्देश दिए हैं कि इन बच्चों को लेखपाल भर्ती की लिखित परीक्षा देने के लिए निर्धारित परीक्षा केंद्रों तक पहुंचाने और वहां से लाने की व्यवस्था की जाय। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाने के लिए राज्य में नकल विरोधी अध्यादेश लागू किया जा चुका है। भर्ती परीक्षाओं में तेजी लाई जा रहा है। राज्य के युवाओं को लगातार रोजगार के अवसर मिले, इसके लिए रिक्त पदों पर जल्द और विज्ञप्तियां निकाली जाएंगी। आगामी परीक्षाओं के लिए कैलेंडर जारी किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जो नकल विरोधी कानून लागू किया गया है, उसमें गड़बड़ी करने वालों को सख्त सजा का प्राविधान किया गया है। उन्होंने सभी प्रदेश के युवाओं से अपील की है कि पूरी मेहनत से परीक्षा की तैयारी में जुट जाएं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
बेरोजगार संघ के प्रतिनिधियों ने राज्य में सख्त नकल विरोधी अध्यादेश लागू किए जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। भर्ती परीक्षाओं के लिए कैलेंडर जारी किए जाने की पहल की भी उन्होंने सराहना की। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, बेरोजगार संघ से खजान सिंह राणा सहित पीसीएस मुख्य भर्ती परीक्षा अभ्यर्थी के सदस्य सुनिधि गोस्वामी, शैलेश सती, दीपक बेलवाल, बृजमोहन जोशी, सतपाल सिंह एवं आलोक भट्ट मौजूद थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शनिवार को भी धरने पर डटे रहे बेरोजगार संघ के सदस्य
सरकार के दावों के विपरीत उत्तराखंड बेरोजगार संघ के सदस्य शनिवार को भी धरने पर डटे रहे। वे पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए प्रदर्शनकारियों को रिहा करने की मांग कर रहे हैं। वहीं हंगामे की आशंका को देखते हुए कचहरी परिसर में पुलिस बल तैनात है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस मुख्यालय कूच किया
बेरोजगारों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में शनिवार को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस मुख्यालय कूच किया। पुलिस ने कांग्रेसियों को सेंट जोजफ्स तिराहे पर रोक दिया। जिसके बाद प्रदर्शनकारी वहीं धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान पूर्व सीेएम हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा सहित कई कांग्रेसी नेताओं को गिरफ्तार किया गया। सबको पुलिस लाइन में ले जाया गया। इससे पहले कांग्रेस भवन में कूच को लेकर सभा का आयोजन किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सरकार पर आंदोलन तोड़ने का आरोप
बेरोजगारों ने सरकार पर आंदोलन तोड़ने का आरोप लगाया। साथ ही दावा किया कि नकली बेरोजगार संघ के जरिये प्रदेशभर में आंदोलन समाप्त करने का गलत संदेश दिया जा रहा है। बेरोजगारों का दावा है कि सरकारी बेरोजगार संगठन के प्रतिनिधिमंडल में करनपुर स्थित कोचिंग इंस्टीट्यूट के संचालक शामिल थे। वहीं, पंकज क्षेत्री की ओर से किए गए ट्विट में कहा गया है कि बॉबी पंवार सहित बेरोजगार संघ के तमाम नेता जेल में हैं। बाकी युवा शहीद स्मारक पर शांतिपूर्ण सत्याग्रह कर रहे हैं, लेकिन कुछ लोग बेरोजगारों के बेश में आंदोलन मुख्यमंत्री से मिलकर आंदोलन तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। पहले जांच हो फिर परीक्षा कराई जाए। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
मनमोहन नाम से किए गए ट्विट में कहा गया है कि उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अनुसार ये मुख्यमंत्री से मिलने वाले बेरोजगार संघ के सदस्य नहीं हैं। इसमें कुछ सरकारी कर्मचारी हैं। लगता है बीजेपी ने कोई फर्जी बेरोजगार संघ करके बनाया है और फोटो खिंचवाई है। हैंडसम जी से साथ। बीजेपी का फर्जीपना चालू है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
Uttarakhand Berojgar Sangh ke anusar ye Uttarakhand Berojgar Sangh ke members nahi hain.
Isme to kuch sarkari employees dikh rahe hain.
Lagta hai BJP ne koi farzi Berojgar Sangh karke banaya aur photo khinchwai Handsome ji ke saath.
BJP ka farzipana chalu hai. https://t.co/fNknTVsns9 pic.twitter.com/pcMWoh6tPB— Manmohan (@mohan_garhwali) February 11, 2023
वहीं, उत्तराखंड बेरोजगार संघ की ओर से किए गए ट्विट में कहा गया है कि हमारे साथी लाठी डंडे खाकर सड़कों पर चोटिल होकर जेल में हैं और कुछ लोग बड़ी सिद्दत से दांत दिखा कर गुलदस्ता भेंट कर रहे हैं। ऐसा कौन का कार्य कर दिया मुख्यमंत्रीजी ने। क्या मर चुकी हैं संवेदनाएं। सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि बेरोजगारों के प्रतिनिधिमंडल में कब से सरकारी नौकरी करने वाले प्रतिनिधित्व करने लगे हैं। क्या सरकार ने खुद अपना डेलीगेशन बना लिया है। सरकार ऐसे कुकृत्यों से माहौल बिगड़ सकता है, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी आपकी ही होगी। सत्याग्रह जारी है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
ये है घटनाक्रम
उत्तराखंड में भर्ती धांधली के विरोध में गुरुवार को प्रदेशभर में युवाओं ने गुरुवार नौ फरवरी को लगातार दूसरे दिन भी प्रदर्शन किया था। राजधानी देहरादून में सड़कों पर उतरी आक्रोशित युवाओं की भारी भीड़ के चलते कई जगहों पर ट्रैफिक जाम हो गया था। प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए युवाओं ने कहा कि नकलरोधी कानून आने के बाद ही कोई भी भर्ती परीक्षा कराई जाए। बाद में पुलिस ने युवाओं को जबरन मौके से हटाना शुरू किया। इस दौरान दोनों पक्ष में तीखी नोकझोंक भी हुई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके बाद हजारों बेरोजगारों पर अंततः पुलिस ने लाठी भांज दी। भारी पथराव के बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा। कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए। मुख्य सड़क पर भगदड़ व अफरा तफरी मच गई। लाठी की मार से बचने के लिए बेरोजगारों ने गांधी पार्क, दुकानों गलियों की ओर रुख किया। काफी देर तक प्रदर्शनकारियों की पत्थरबाजी से पुलिसकर्मी भी जान बचाते देखे गए। इस दौरान पुलिस के साथ ही कई प्रदर्शनकारी भी घायल हुए। साथ ही कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उधर, सूत्रों का कहना है कि कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस बल पर पथराव किया। पथराव होते ही पुलिस ने बचाव में लाठियां भांज दी। लाठीचार्ज में प्रदर्शनकरियों के चोटिल होने की भी खबर है। गुरुवार की दोपहर ही प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस नेता व चकराता के विधायक प्रीतम सिंह के वाहन का भी घेराव किया। इससे पूर्व, बुधवार की देर रात पुलिस ने बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार व अन्य लोगों को बलपूर्वक व लाठी चलाकर गांधी पार्क से उठा लिया था। इसके बाद गुरुवार की सुबह हुए प्रदर्शन से तनाव बढ़ गया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दोनों ही आयोग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की सीबीआई जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में की जाए। इसके अलावा नकल करने वाले और नकल करवाने वालों के नाम सार्वजनिक किए जाएं। सुरेश सिंह ने बताया कि पटवारी की परीक्षा 12 फरवरी को होनी है। संभव है कि इस परीक्षा में भी धांधली की जाएगी। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दावों पर खरी नहीं उतर रही सरकार
गौरतलब है कि वर्ष 2021 में जुलाई माह में उत्तराखंड के तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफा दिया था। इसके साथ ही पुष्कर सिंह धामी की सीएम के पद पर ताजपोशी की गई थी। सीएम की शपथ लेते ही सीएम धामी ने कहा था कि वह जो भी घोषणा करेंगे, उसे छह माह के भीतर पूरा करके दिखाएंगे। यदि वह शिलान्यास करेंगे तो अपने उसी कार्यकाल में उसे पूरा करेंगे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
शपथ लेते ही सीएम ने सबसे पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगले चुनाव से पहले छह माह के भीतर प्रदेश में विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े 22 हजार पदों पर नियुक्तियां कर दी जाएंगी। तब प्रदेश के युवाओं को सरकार से आस बंधी थी, लेकिन ये घोषणा कोरी साबित हुई और किसी भी विभाग में नियुक्ति नहीं हुई। फिर वह दोबारा मार्च 2022 में सीएम बने और इसके बाद कई परीक्षाओं में भर्ती घोटाला सामने आया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा घोटाले में तो करीब 50 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। इसके साथ ही उनके कार्यकाल में विधानसभा में बैकडोर से नियुक्ति के साथ ही अन्य कई नियुक्तियों में घोटाले की बात सामने आई। ऐसे में अधिनस्थ चयन आयोग की परीक्षाओं को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए और पटवारी व लेखपाल की परीक्षा होने के बाद रद्द कर दी गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
भर्ती परीक्षा को लेकर ऐसे सामने आए घोटाले
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ के प्रतिनिधिमंडल की ओर से सीएम को शिकायत की गई थी। उन्होंने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से चार और पांच दिसंबर 2021 को आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में अनियमितता के संबंध में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ज्ञापन सौंप कर कार्रवाई की मांग की थी। इस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने भर्ती परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर जांच एसटीएफ को सौंपी थी। परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में सबसे पहले उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने छह युवकों को गिरफ्तार किया था। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इस मामले में एक आरोपी से 37.10 लाख रूपये कैश बरामद हुआ। जो उसके द्वारा विभिन्न छात्रों से लिया गया था। इस मामले में अब तक कुल 43 लोग गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें बीजेपी नेता भी शामिल है, जिसे पार्टी ने छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है। परीक्षा भर्ती मामले में अब तक कुल 94.79 लाख कैश बरामद किया है। इसी मामले में दो दर्जन से ज्यादा बैंक अकाउंट फ्रीज लिए जा चुके हैं। जिसमे करीब तीस लाख की राशि जमा है। ऐसे में कई परीक्षाओं को रद्द कर दिया गया। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
वहीं, परीक्षाओं का संचालन उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए हैं। इनमें लेखपाल, पटवारी परीक्षा को भी रद्द कर दिया गया है। वहीं, जेई और एई परीक्षा में पेपर लीक के मामले में भी गिरफ्तारियां हो रही हैं। इनमें एक आरोपी बीजेपी का नेता भी है।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।