युवा कवयित्री अंजली चन्द की कविता-लोग कहते हैं मुस्कुराहट में बात कुछ अलग है
युवा कवयित्री अंजली चन्द की कविता-लोग कहते हैं मुस्कुराहट में बात कुछ अलग है।

ये भी कहते सुना है आँखों में सुकून कुछ अलग है,,
हाँ जो ये खामोशी का शोर है ना कभी खलता है तो कभी जंचता है,
मगर जो ये हुनर के लिबास से तजुर्बे का खुद से रूबरू हो जाना
यकीन मानो सिखाता बहुत कुछ अलग है,,
कहते हैं इस क़दर खुद को बदल देना कहां तक उचित है,
मजबूर कर देती ठोकर दुनिया की
मगर यूँ बदल जाने का तजुर्बा कुछ अलग है,
वो चंचलता और बचकाना सा सादगी भरा
मिजाज़ खुशी हँसी के ताज होते हैं,
बढ़ती उम्र की समझदारी कई सपनों से
साझेदारी के पड़ाव का अनुभव कुछ अलग है,
इस मिथ्य कथन मे कटु सत्य छिपा है
कि किसी का त्याग ही किसी का साथ है,
त्याग ग्लानि को जन्म देती है और साथ त्याग के कारण मिलता है,
इस भंवर रूपी संसार से निकलना कुछ अलग है।
कवयित्री का परिचय
नाम – अंजली चन्द
निवासी – बिरिया मझौला, खटीमा, जिला उधम सिंह नगर, उत्तराखंड।
लेखिका gov job की तैयारी कर रही हैं।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।