उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत की दिल्ली परिक्रमा, पीएम और गृह मंत्री को जोड़े हाथ, दो पूर्व सीएम से मुलाकात, आखिर क्या निकालें मायने
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत इन दिनों काफी सक्रिय नजर आ रहे हैं। सरकार और संगठन से साइड लगने के बावजूद भी उन्होंने व्यक्तिगत रूप से खुद को सक्रिय बनाए रखा। कई मुद्दों पर उनके बेबाकी से बयान आए। चाहे इसमें वे देवस्थानम बोर्ड के समर्थन में बोलते दिखे, तो कभी गढ़वाल के दौरे पर उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद वह हाल ही में गढ़वाल और कुमाऊं का दौरा करते नजर आए। मंदिरों में उन्होंने दर्शन किए। सरकार के कई फैसलों पर अपनी राय दी।
उत्तराखंड के सुदूर पर्वतीय क्षेत्र में वार्मअप होने के बाद अब वह दिल्ली दौरे पर पहुंच गए। यानी संदेश स्पष्ट है कि उन्हें ज्यादा दिन तक साइ़ड बैठकर चुप नहीं रहेंगे। वह सक्रिय रहेंगे, चाहे जिम्मेदारी संगठन दे या नहीं। दिल्ली में उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इसके फोटो भी सोशल मीडिया में जारी किए गए। हालांकि इस मुलाकात के दौरान क्या बात हुई, इसका जिक्र नहीं किया गया। माना जा रहा है कि उन्होंने इन नेताओं से कोई जिम्मेदारी देने का अनुरोध किया है। खैर वो तो हाथ जोड़ आए, आशीर्वाद ले चुके हैं। अब देखो की बीजेपी के हर नेता की चाबी को अपने हाथ में रखने वाले ये दोनों नेता त्रिवेंद्र की चाबी को कितना घुमाते हैं और उन्हें क्या जिम्मेदारी देते हैं।
वैसे भी बीजेपी में गणेश परिक्रमा की परिपाटी कुछ ज्यादा ही होने लगी है। साथ ही हर बात पर पीएम मोदी की तारीफ में कसीदे गढ़ने के ट्विट करने में भी नेता पीछे नहीं है। राज्यों के सीएम अपने कामों का श्रेय भी पीएम को ही देते हैं। यानी की उनके अपने प्रयास कुछ नहीं हैं। अपना वीजन कुछ नहीं है। जो अच्छा हो रहा है, वो पीएम कर रहे हैं। यदि कुछ गलत हुआ तो समझो उन्होंने खुद किया और कुर्सी खतरे में पड़ गई। ऐसा हो चुका है। उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र खुद ऐसी परिपाटी की भेंट चढ़ चुके हैं और उन्हें अपनी कुर्सी चार साल का कार्यकाल पूरा होने के कुछ ही दिन पहले गंवानी पड़ी। उनके बाद तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के सीएम बने। कभी वे पीएम मोदी की तुलना भगवान श्रीकृष्ण से करते तो कभी हर काम का श्रेय उन्हीं को देते। इसके बावजूद उत्तराखंड में उनकी कुर्सी को श्रीकृष्ण बचाने नहीं आए और वे भी अब अलग थलग पड़े हैं।
कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में आए उत्तराखंड के पूर्व सीएम विजय बहुगुणा भी अलग थलग पड़े नेताओं की लाइन में खड़े हैं, तो हाल ही में शिक्षा मंत्री से इस्तीफा देने वाले पूर्व सीएम रमेश कुमार पोखरियाल निशंक भी गुमनामी का जीवन व्यतीत कर रहे हैं। हालांकि बताया जा रहा है कि उनका स्वास्थ्य अभी पूरी तरह से ठीक नहीं हुआ है। बीजेपी में विजय बहुगुणा की सक्रिय राजनीति में तो समझो विराम लग चुका है। क्योंकि अब तो उम्रदराज नेताओं को वैसे भी साइड लाइन किया जा रहा है। हालांकि विजय बहुगुणा अपने बेटे सौरभ बहुगुणा की राजनीति में एंट्री कराने में सफल रहे हैं और वे सितारगंज में विधायक हैं।
ऐसे में अभी त्रिवेंद्र सिंह रावत इस प्रयास मे हैं कि सीएम पद छीनने के बाद उनकी राजनीतिक पारी का अंत नहीं हुआ। ऐसे में वे खुद को निरंतर सक्रिय बनाए हुए हैं। वह सियासी तजुर्बे का इस्तेमाल भाजपा अब संगठन में करने की तैयारी में है। अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उन्हें बतौर चुनाव प्रभारी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी दी जा सकती है। त्रिवेंद्र पहले भी उत्तर प्रदेश में चुनाव सह प्रभारी की भूमिका निभा चुके हैं। सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनकी मुलाकात के कुछ इसी तरह के मायने निकाले जा रहे हैं।
मार्च 2017 में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने त्रिवेंद्र सिंह रावत को इसी मार्च में अपना चार साल का कार्यकाल पूर्ण होने से कुछ ही दिन पहले पद छोड़ना पड़ा था। इसके बाद से ही माना जा रहा था कि भाजपा उनका उपयोग केंद्रीय संगठन में कर सकती है। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्रिमंडल के फेरबदल से ठीक पहले सियासी गलियारों में यह चर्चा भी रही कि केंद्र में मंत्री बनाकर भाजपा मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की उनकी कसक को दूर कर सकती है। हालांकि ऐसा हुआ नहीं और उत्तराखंड से नैनीताल के सांसद अजय भट्ट को टीम मोदी में शामिल होने का अवसर मिल गया।
गत दिवस ही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने निशंक और विजय बहुगुणा से भी मुलाकात की। ये दोनों नेता इन दिनों गुमनामी में हैं। हालांकि, उनकी इस मुलाकात को हालांकि शिष्टाचार भेंट बताया जा रहा है। दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक से उनके आवास पर मुलाकात कर उनका हाल चाल जाना और उनके शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तराखंड भाजपा कोर कमेटी के सदस्य व पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से भी मुलाकात की और उनका हालचाल जाना। इस दौरान सितारगंज से भाजपा विधायक सौरभ बहुगुणा भी मौजूद है। पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र ने केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से भी शिष्टाचार भेंट की।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।