ललित मोहन गहतोड़ी का गीत-फूल रहा भ्रष्टाचार
फल फूल रहा…
बल फूल रहा भ्रष्टाचार…
अब फूल रहा भ्रष्टाचार….
फल फूल रहा भ्रष्टाचार…
देश की हालत पतली।।टेक।।
सोने की चिड़िया नाम था भारत।।2।।
भर लिए खुद भंडार…
देश की हालत पतली…
फल फूल रहा…
लूट मार सब घर के अपने।।2।।
लूट रहे जन चार…
देश की हालत पतली…
फल फूल रहा…
अस्सी पूरे हुए बेइमान तुम।।2।।
बीस बचै खुद माफ…
देश की हालत पतली…
फल फूल रहा…
कह लेखराज भ्रष्टाचारीन के।।2।।
सिन्ना पिछवाड़े सरताव…
देश की हालत पतली…
फल फूल रहा
कवि का परिचय
नाम-ललित मोहन गहतोड़ी
शिक्षा :
हाईस्कूल, 1993
इंटरमीडिएट, 1996
स्नातक, 1999
डिप्लोमा इन स्टेनोग्राफी, 2000
निवासी-जगदंबा कालोनी, चांदमारी लोहाघाट
जिला चंपावत, उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
सुंदर रचना?