टेस्ट में फेल हुई 48 दवाएं, सर्वाधिक दवाएं उत्तराखंड की, विटामिन, डायबिटीज से लेकर दिल से जुड़ी बीमारियों की हैं दवा
अगली बार जब आप कोई दवा खाने जाएं तो ये जरूर देख लीजिएगा कि कहीं ये उन दवाओं की लिस्ट में तो शामिल नहीं है, जो मानकों पर फेल हो गई हैं। दरअसल, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड एंड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) ने पाया है कि देश में 48 दवाएं ऐसी हैं, जो तय मानकों पर खरी नहीं उतरीं हैं। इन दवाओं में हार्ट डिजीज में इस्तेमाल होने वाली मेडिसिन भी है। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (सीडीएससीओ) की जांच रिपोर्ट में उत्तराखंड की बनी 14 दवाएं शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके अलावा हिमाचल प्रदेश की 13, कर्नाटक की 4, हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली की भी 2-2 दवाएं और गुजरात मध्य प्रदेश, सिक्किम, जम्मू और पुडुचेरी की भी 1-1- मेडिसिन हैं। बीते महीने कुल 1497 दवाओं के सैंपल टेस्ट किए गए थे। इनमें से 48 मेडिसिन मानकों पर खरी नहीं उतरी हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीडीएससीओ ने की दवाओं की टेस्टिंग
नेशनल ड्रग रेगुलेटर CDSCO के मुताबिक मार्च में 1497 दवाओं के सैंपल्स को देश की कई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स से लिया गया, जब उनकी टेस्टिंग की गई तो 1449 दवाएं तो मानकों पर खरी उतरीं। 48 दवाओं की क्वालिटी तय स्टैंडर्ड से नीचे पाई गई। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कौन-कौन सी दवाएं शामिल
ये वो दवाइयां हैं जो आम तौर पर इस्तेमाल की जाती हैं जैसे anti-diabetic, antibiotics, calcium या दिल की बिमारी से जुड़ी दवाइयां। लिस्ट में मल्टी विटामिन दवाइयों से लेकर HIV के लिए इस्तेमाल होने वाली Ritonavir भी शामिल है। इस लिस्टि में मिरगी की दवा Gabapentin, हाइपरटेंशन की दवा Telmisartan, डायबिटीज की दवा Glimepiride और Metformin भी शामिल हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
इसके अलावा आयरन और फॉलिक एसिड की टैबलेट, प्रोबायोटिक्स कई मल्टीविटामिन की गोलियां भी हैं, जो इस लिस्ट में हैं. इसमें Vitamin C, Vitamin B12, फॉलिक एसिड, Amoxycillin, कैल्शियम- और विटामिन D3 की टैबलेट, Telmisartan टैबलेट भी इसमें शामिल हैं. इस लिस्ट में Meswak टूथपेस्ट का भी नाम है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
दवाएं टेस्टिंग में क्यों फेल हुईं
दरअसल इन दवाओं की जब टेस्टिंग की गई तो पाया गया कि इनको बनाने में इस्तेमाल की गई सामग्री मानक स्तर पर नहीं थी, उनके इनग्रीडिएंट की मात्रा में गड़बड़ी या गलत लेबलिंग कुछ ऐसी वजहें रही, जिनकी वजह से दवाएं इस जांच में फेल हुई हैं। हाल ही में सरकार ने खराब क्वॉलिटी की दवाइयों के मामले में 18 फार्मा कंपनियों के लाइसेंस भी रद्द कर दिए थे। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
सीडीएससीओ की रिपोर्ट
सीडीएससीओ की रिपोर्ट के मुताबिक, इन दवाओं में लाइकोपेने मिनरल सिरप जैसी मेडिसन भी हैं, जिनका लोग काफी इस्तेमाल करते है। इसके अलावा विटामिन सी इंजेक्शन, फोलिक एसिड इंजेक्शन, अल्बेंडाजोल, कौशिक डोक-500, निकोटिनमाइड इंजेक्शन, एमोक्सनोल प्लस और अलसिफ्लोक्स जैसी दवाएं भी हैं। ये मेडिसिन विटामिन की कमी को पूरा करने, हाई बीपी को कंट्रोल करने, एलर्जी रोकने, एसिड कंट्रोल और फंगल इंफेक्शन को खत्म करने के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। इन दवाओं में एक नामी कंपनी का टूथपेस्ट भी फेल किया गया है। इस टूथपेस्ट का बड़ी संख्या में लोग इस्तेमाल करते हैं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
कंपनियों को नोटिस जारी
टेस्ट में फेल हुई दवाओं को फार्मा कंपनियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। सभी ड्रग इंस्पेक्टर को आदेश दिया गया है कि फार्मा कंपनियों की जांच करें। टेस्ट में फेल हुई दवाओं को बाजारों से वापस लेने को भी कहा गया है। सीडीएससीओ की तरफ से हर कुछ महीनों में अलग- अलग फार्मा कंपनियों की दवाओं का सैंपल टेस्ट किया जाता है। पिछले साल नवंबर में भी टेस्ट किए गए थे, जिसमें करीब 50 दवाएं फेल हुई थीं। उन मेडिसिन में एंटीबायोटिक मेडिसिन शामिल थीं। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
गुणवत्ता में कमजोर पाई जाती हैं 4 से 6 प्रतिशत दवाइयां
विशेषज्ञों के अनुसार दुनिया भर में कुल सैंपल के 4 से 6 प्रतिशत दवाइयाँ औसतन गुणवत्ता में कमजोर पाई जाती है, लेकिन अगर 6 प्रतिशत से ज्यादा होने पर चिंता बढ़ सकती है। मेडिसिन एक्सपर्ट के मुताबिक, कई बार मौसम में परिवर्तन और किसी हानिकारक बैक्टीरिया के दवाओं के स्टॉक में प्रवेश करने या फिर सैंपलिंग एरर से भी ऐसा हो सकता है। (खबर जारी, अगले पैरे में देखिए)
हालांकि फिर भी दवाओं की गुणवत्ता खराब नहीं होनी चाहिए। इन दवाओं का लोग बड़ी संख्या में उपयोग करते हैं। फेल की गई दवाओं में हाई बीपी और हार्ट ट्रीटमेंट की मेडिसन भी हैं। ऐसे में कंपनियों को दवाओं के स्टॉक की सही से जांच करनी चाहिए। इसके बाद ही इनको बाजार में उतारना चाहिए।
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भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।