युवा कवि विनय अंथवाल का गीत-मेरा देश है भारत
मेरा देश है भारत
भाता है मुझको देश यही,
माता है मेरी एक यही।
मेरा देश है भारत,
मेरा देश है भारत
आँखों का तारा है भारत
प्राणों से प्यारा है भारत
आँखों में बसा है ये भारत
साँसों में समाया है भारत
मेरा देश है भारत,
मेरा देश है भारत।
सुषमा से सजी धरणी निखरी
सस्य श्यामला सोने सी खरी
सुरभित सजती मिट्टी की महक
वीरों की जननी, है शान ये अपनी।
मेरा देश है भारत,
मेरा देश है भारत।
वेदों का ज्ञान प्रकाश यहाँ
ऋषियों का है विज्ञान यहाँ
सारे जग को है ज्ञान दिया
अज्ञान जगत का दूर किया
मेरा देश है भारत,
मेरा देश है भारत।
माथे का मुकुट है शुभ्र हिमालय
पावन नदियों का उद्गम है
चारों पावन धाम यहाँ हैं
ये ज्ञानियों का ज्ञानालय है।
मेरा देश है भारत,
मेरा देश है भारत
मेरे देश की आभा,
मंगलमय गाथा
सारे जग को ही,
ये देश है भाता।
मेरा देश है भारत,
मेरा देश है भारत।
कवि का परिचय
नाम -विनय अन्थवाल
व्यवसाय-अध्यापन
मूल निवास-ग्राम-चन्दी (चारीधार) पोस्ट-बरसीर जखोली, जिला रुद्रप्रयाग उत्तराखंड।
वर्तमान पता-शिमला बाईपास रोड़ रतनपुर (जागृति विहार) नयागाँव देहरादून, उत्तराखंड।
नोटः सच का साथ देने में हमारा साथी बनिए। यदि आप लोकसाक्ष्य की खबरों को नियमित रूप से पढ़ना चाहते हैं तो नीचे दिए गए आप्शन से हमारे फेसबुक पेज या व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ सकते हैं, बस आपको एक क्लिक करना है। यदि खबर अच्छी लगे तो आप फेसबुक या व्हाट्सएप में शेयर भी कर सकते हो।
लोकसाक्ष्य पोर्टल पाठकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। इसमें लेख, रचनाएं आमंत्रित हैं। शर्त है कि आपकी भेजी सामग्री पहले किसी सोशल मीडिया में न लगी हो। आप विज्ञापन व अन्य आर्थिक सहयोग भी कर सकते हैं।
भानु बंगवाल
मेल आईडी-bhanubangwal@gmail.com
भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।