इंसाफ़ की चाहत में सत्य और इंसाफ पर पड़ जाती है मिट्टी क्योंकि कानून की देवी के आँखों पर बांध...
Young poet
हम बदल रहे हैं हम कैसे अब बदल रहे हैं मर्यादाएँ तोड़ रहे हैं। भौतिकता में भटक रहे हैं चरित्र...
लोकतंत्र है यह कैसा? जहां चले बस तानाशाही और पैसा, मांगते जो चुनाव में वोट… छापते फिर उसपर नोट। लोकमत...
मनोभाव सोचता हूँ मैं भी अक्सर कुछ ऐसा अब कर जाऊँ । ऋषयों की भाँति मैं भी परमतत्व को जान...
मैं एक नारी हूँ अपने हालतों पर भारी हूँ जलायी गई हूँ कई बार आग में फिर भी न हुई...
पहाड़ की वसुन्धरा, मां धूल सेवा सूंण, मां तु अबारि हिकमत ना ख्वे, मां हमारु हौंसला बढ़ौंदि रे, मां अपणां...
ताऴु दग्डया में ताऴू छों सबसी पुराणु वैध छों गुम चोंट पर आराम देदू छों तुमणी याद आज दिलोणू छों...
जब ज़िन्दगी की दुःस्वारिया से हम परेशां हो जाते हैं। जब ये दुनिया वाले हमको रुला जाते हैं।। जब किसी...
गले से लगा लो मेरी उलझनें सुलझ जायें ग़र तुम गले से लगा लो। ग़मों के बादल छट जायें ग़र...
चुल्हा कु मुछ्यालू में चुल्हा कु मुछ्याऴु छो अफुमा मस्त जलणु छो कभी एक धोरा सी कभी चारों धोरा सी...