बेशक कहने को आजाद हैं हम , सोचो क्या सच में आजाद हैं हम, आधुनिकता ने बाँध लिया सबको अपने...
Literature
कभी हवा में तो कभी पानी से घनघोर प्रलय हो रहे हैं, किस भूल की सजा मिल रही है, जो...
आओ जनता अब तो आओ होशो हवाश में ना आओ अब चुनावी जुमले के आगोश में, गांव अपना समर्पण करने...
उत्तराखंड इप्टा की ओर से धर्मानन्द लखेड़ा की ओर से जनगीतों के संकलन की पुस्तक-मिल के चलो, का विमोचन दून...
वरिष्ठ लेखिका डॉ. कृष्णा सक्सेना की नई पुस्तक ‘फ्लावर्स ब्लूम’ का विमोचन नई दिल्ली में पद्मश्री डॉ. कल्याण बनर्जी के...
एक हादसा- ना जाने कितनी कहानियां अधूरी रह गयी, एक हादसा- ना जाने कितनी निशानियां बुझ गयी, कइयों की मंजिलें...
हां ! असफलता जब जब खुद को दोहराती है हमें बहुत कुछ नया सिखाती है मेरी कलम से मेरा नाता...
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य की बोलियों, लोक कथाओं, लोकगीतों एवं साहित्य के डिजलिटीकरण की...
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार साहित्य और संस्कृति के संरक्षण एवं प्रोत्साहन के लिए...
सुनो आज कुछ लिखूं, इसका ख्याल आया है तो लिखूं क्या ये ख्याल ही नहीं बन पाया है, तो सोचा...