असहनीय धोखेबाजी और नाराजगी का अधिकार नहीं जिम्मेदार कोई एक नहीं इसका ये एक पूरी व्यवस्था थी हर किसी का...
कविता
उत्तरायण की हर कहानी याद है वो हवा का इंतजार और सही छत की तलाश।। फिरकी पकड़ने के लिए करते...
दीवेंद्र सिवाच आकाशवाणी देहरादन में प्रोग्राम एग्जीक्यूटिव हैं। इससे पहले वह इसी पद पर आकाशवाणी इलाहबाद में तैनात थे। सरल...
करो मेहनत वही पूजा! लिखूं ऐसा कभी मैं भी, कि जन के मन समा जाए। मुझे संतोष दे मन का,...
मेरे पेचीदा से हालात। दिलों के जज़्बात।। तेरी चटपटी सी बात। मेरे हाँथों में तेरा हाथ। लेकर आई है ज़ज्बातों...
फकीर हूँ पर लकीर का नही शमशीर हूँ खंजर नही जानता हूँ ज़माने का अंदाज़ा रखना पहचानता हूँ गैरज़रूरी अपनापन...
कभी कभी कुछ लोग हाँ वही कुछ लोग कहते है वो जिसे पीठ पीछे की बात कहते हैं पर मैं...
लेना देना और सीख जो सिखाए ज्ञान तुमको , उससे ज्ञान तुम लेना। जो बताये चोर का रस्ता, उस पर...
आज मैं भी मुस्कुराना चाहता हूँ। साल बीसा को भुलाना चाहता हूँ। आ गया है द्वार पे नव वर्ष देखो।...
बूंद भर जीवन आज चांद टूट गया देख साधिका ताप । कैसे करूं बखान, आज साधक हार गया।। बूंद नीर...
