अपारदर्शी घटना से जब एक भावपूर्ण इंसान का भाव शून्य हो जाता है जब गुजरता है इंसान इस राह से...
अंजली चंद
बहुत ज्यादा सोचने वाले लोग खुद के लिए बुरे होते हैं खुद को विचारों के आगोश में थामे नहीं दे...
खुद की खामोशी में छिपे शोर से एक रोज रिहा हो जाएंगे जब तब बताएंगे पहचाना तो सही थोड़ा जान...
विचारों में नकारात्मकता का प्रवेश यूं ही नहीं होता, साफ मन का छले जाना, अलगाव का भाव मिल जाना, सही...
नया सा लक्ष्य बनाकर नव-वर्ष का स्वागत कीजिए बीते खट्टे मीठे पलों को अब यादें बना लीजिए, तारीखों के बदलने...
सुकून सुकून किसी की चाहत मे नहीं, सुकून किसी के इबादत मे नहीं, सुकून किसी को पा लेने का नाम...