आजादी बड़ि कुर्बन्यूं से मिलीं आजादी, भलिके सम्माऴ देश रक्षा कि खातिर, द्वी कदम चलिके सम्माऴ तिल-मिल नि द्योखु वो...
दीनदयाल बन्दूणी ‘दीन’
दु-मुख्या वेन त बड़ै हमु- सबु, बरोबर इक-नसि यख. हमन बड़ै दे वेकि या, धरोहर कन-नसि यख.. क्वी बढ अगनै-क्वी...
इक-मुख्या गंजुणु खयां सि-न घपक्या रा , घर भितर. बाच-बचन गाढा-न झपक्यां रा, घर भितर.. बोलद रा ज्यू कि बात,...
बढ़दि-घटदि हौंस-रौंस मुंड का बल जल़मि, य ज्वनि बढ़णीं च. खुटौं बटि बुढ़ापा ऐ, जिंदगी- ढऴणीं च.. मुंड-मुक-बरमंड-पैली ऐ ,...
अगोड़ि-पिछोड़ि इन्सान कु नाता-इन्सानियत से, अगोड़ि च. हमरु स्वार्थ-हमरु दुखड़ा, सब पिछोड़ि च.. कबि- नि रैंदू एक जगा, यो- चंचल...
सारू जन- लगल्यूं थैं रैंद सारू, झाऽड़ कू. उनि- पुगड़्यूं थैं रैंद सारू, बाऽड़ कू.. एक- हैंका सारू, हर -...
जीवन लीला मन्खी जून-दे प्रभु तिन, कनू- निरबळ बड़ाय. इनु जीवन थैं पैकि भी, स्वाचा हमन क्य पाय.. माँ न...
ल्याखा-पाढ़ा सुड़ीं-जड़ीं छ्वीं-बतौंम, द्वी-चार ह्वे जांद. गुणीं-लिखीं कितब्यूंम, नै बिचार ह्वे जांद.. धरोहर च हमरी, यीं बिट्वाऴा-समाऴा, नै- पुरणि कितब्यूं...
ठक-ठकि कनि ठकठकि लगदि छै, तब गौं-मुल़क आंणा की. कनि मरमरि हुंदि छैं, ब्वे क हथा-रोटि खांणा की.. मैना भर...
समै कि पूछ समै फरि लग्या-फांकुण, सरि-सरि दौड़णूं च. कोच- जो यो पूछ पकड़ि, सरर् मरोरड़णूं च.. समै त चल़णु...