बेटियाँ......... जिसके पेट में होने पर ही, घर में खुसर पुसर सी शुरू हो जाती है पेट से है बहू.....
कविता
"नेक ऐसी बेटिया" मिटाने पर भी झिलमिलाए, रेख ऐसी बेटियां। डांटने पर भी मुस्कराए, नेक ऐसी बेटियां। फूल की सुगंध...
गृहिणी का एक दिन घर वो सारा संभालती हैं ! नींद छोड़कर सबसे पहले वो उठ जाती हैं ! किचन...
लिखने को तो मैं भी लिख सकता हूँ सच्ची झूठी कहानी। आओ मैं सुनाता हूँ तुमको हकीक़त अपनी ज़ुबानी।। हमको...
माता पिता के लिए उपकार होती हैं बेटियाँ, घर-आँगन को महकाये वो फूल होती हैं बेटियाँ। मान-सम्मान, अभिमान होती हैं...
स्वर्ग मिलेगा या नर्क अच्छे हमेशा काम करते रहो बुराईयां किसी की मत करो! करोगे प्रताड़ित लोगो को, फल मिलेगा...
सारा जहां हमारा है। वो हर किनारा हमारा है।। ज़मीन की है कीमत । आसमान तो हमारा है।। समय समय...
माँ के चरणों मे होती जन्नत है ! अगर देदे आर्शीवाद तो हो जाती पूरी मन्नत है ! खुद ना...
असहनीय धोखेबाजी और नाराजगी का अधिकार नहीं जिम्मेदार कोई एक नहीं इसका ये एक पूरी व्यवस्था थी हर किसी का...
उत्तरायण की हर कहानी याद है वो हवा का इंतजार और सही छत की तलाश।। फिरकी पकड़ने के लिए करते...