समाजसेवी अन्ना हजारे ने दी केंद्र सरकार को चेतावनी, किसानों की मांग नहीं मानी तो करेंगे जनआंदोलन
सामाजिक कार्यकर्ता 83 साल के बुजुर्ग अन्ना हजारे भी किसानों के आंदोलन के समर्थन में कूद पड़े हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसानों की बात नहीं मानी गई तो वे केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों के समर्थन में जनआंदोलन शुरू करेंगे। उन्होंने कहा कि लोकपाल आंदोलन ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार को हिला दिया था। मैं किसानों के विरोध प्रदर्शनों को उसी तर्ज पर देखता हूँ। भारत बंद के दिन मैंने अपने गाँव रालेगन-सिद्धि में एक संगठन का आयोजन किया था। मैंने किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास भी किया था।
अनशन पर भी बैठे थे अन्ना
अन्ना हजारे महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के रालेगण सिद्धि गांव में अनशन पर भी बैठे थे। उन्होंने कहा था कि-किसानों के लिए सड़कों पर आने और अपना मुद्दा हल कराने का यह सही समय है। मैंने पहले भी इस मुद्दे का समर्थन किया है और आगे भी करता रहूंगा।
किसान के खिलाफ कोई भी कानून मंजूर नहीं
अन्ना हजार ने कहा कि देश के विकास में किसानों का महत्वपूर्ण योगदान है। इसे अनदेखा नहीं किया जा सकता है। ऐसे में किसी भी देश में किसान के खिलाफ कानून को मंजूरी नहीं दी जा सकती है, जो कृषि पर अत्यधिक निर्भर है। अगर सरकार ऐसा करती है, तो इसके खिलाफ आंदोलन जरूरी है।
किसान आंदोलन
तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले कुछ महीनों से हजारों किसान आंदोलन कर रहे हैं और उन कानूनों को वापस लेने की मांग केंद्र सरकार से कर रहे हैं। किसानों को डर है कि नए कानून की आड़ में निजी क्षेत्र द्वारा उनकी फसलों को कम कीमत पर खरीदा जा सकता है। इसके अलावा न्यूनतम समर्थम मूल्य से भी किसानों को वंचित किया जा सकता है।
पांच दौर की वार्ता बेनतीजा
सरकार और किसान संगठनों के बीच अब तक पांच दौर की बातचीत हो चुकी है। सभी बैठकें बेनतीजा रही हैं। अब किसान संगठनों ने 14 दिसंबर से देशव्यापी आंदोलन की चेतावनी दी है। 12 दिसंबर को दिल्ली -जयपुर हाईवे बंद करने और सभी टोल प्लाजा पर कब्जा करने का ऐलान किया है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।