पढ़िए युवा कवि अशोक जोशी की कविता-कोरोना एक आइना
कोरोना है एक आईना
जिसका उदय देश है चाइना…..
मच रही है एक तबाही
घर पर ही रहना है भाई….
नहीं चलेगी अब मनमानी
आज मानव की खुद से लड़ाई…..
राहे सूनी, सड़के सूनी
सूना है, यह जग सारा
जन-जन पर पड़ रही भारी
कोरोना है, ऐसी महामारी
हार गई है दुनिया सारी
अब सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी
आई कोरोना की ऐसी परछाई
जन-जन में ही हो गई खाई
छूट गई है रोज की कमाई
कोरोना कहर में यह धरा समाई
कवि का परिचय
लेखक@ —-✍️अशोक जोशी*
पता – नारायणबगड़, चमोली गढ़वाल उत्तराखंड।
वर्तमान में गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय हरिद्वार में अध्ययनरत।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।