युवा कवयित्री प्रीति चौहान की कविता- कुछ बाते हैं जज्बातो की चलो आज कहती हूँ
कुछ बाते हैं जज्बातो की चलो आज कहती हूँ
एक किरदार जो खास हम सबके लिए
चलो आज उसके बारे मे बताती हूँ
अंधेरो से उजालो में लेकर आए हमें
जितनी बार भी गिरे उतनी बार उठाया हमें
कभी दोस्त बनकर आप हमारे साथ मुस्कराये
कभी माँ बनकर सर पर प्यार से हाथ फेरा
तो क़भी बाप बनकर जीवन में लड़ना हमे सिखाया
रोज सुबह आपके मुस्कराते चेहरे को देखकर
हमने हर परिस्थिति में मुस्कराना सीखा
कम समय बीता मेरा आपके साथ पर
वो लम्हे मेरी ज़िंदगी के अनमोल पल बन गए
वो लम्हें जो गुजरा हुआ कल बन गया
काश इन बीते लम्हो को मैं
आपके साथ थोड़ा और जी पाती
वो लम्हें मेरी आँखों में
आज नम जल बन गए
बिताये आपके साथ हर पल को
मैं अपने दिल मे बसा लूँगी
और जब भी याद आएगी आपकी
मैं नम आंखों से मुस्करा दूँगी
आपके लिए हमारा प्यार सम्मान
कभी कम नही होगा
जब भी याद आएगी आपकी
मैं नम आंखों से मुस्करा दूँगी
कवयित्री का परिचय
नाम-प्रीति चौहान
निवास-जाखन कैनाल रोड देहरादून, उत्तराखंड
छात्रा- बीए (द्वितीय वर्ष) एमकेपी पीजी कॉलेज देहरादून उत्तराखंड।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।
सुंदर रचना??????