उत्तराखंड भवन एवं सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में गबन के दोषियों पर हाईकोर्ट के कार्रवाई करने और जांच रिपोर्ट देने के आदेश
उत्तराखंड में भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड उत्तराखंड में अनियमितता की जांच को लेकर हाईकोर्ट नैनीताल ने सरकार को एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए।

सोमवार को वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में काशीपुर निवासी खुर्शीद हुसैन की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। पिछली तिथि को बोर्ड के चेयरमैन शमशेर सिंह सत्याल ने एक प्रार्थना पत्र देकर कहा था कि उनको इस जनहित याचिका में पक्षकार बनाया जाए। कहा कि बोर्ड में एक हॉस्पिटल बनाने को लेकर 20 करोड़ रुपया का गबन हुआ है।
हॉस्पिटल को बनाने के लिए बोर्ड सदस्यों ने सरकार व कैबिनेट की अनुमति तक नही ली। एक कंपनी को 20 करोड़ रुपया का अग्रिम भुगतान तक कर दिया है। जनहित याचिका के अनुसार 2020 में भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड में श्रमिकों को टूल किट, सिलाई मशीनें एवं साइकिलें देने के लिए समाचार पत्रों में विज्ञापन दिया गया था, लेकिन इनको खरीदने में बोर्ड के अधिकारियों द्वारा वित्तीय अनियमिताएं बरती गई।
जब इसकी शिकायत सरकार व राज्यपाल से की गई तो अक्टूबर 2020 में बोर्ड को भंग कर दिया गया और बोर्ड का नया चेयरमैन शमशेर सिंह सत्याल को नियुक्त किया गया। इसकी जांच चेयरमैन की ओर से कराई गई तो घोटाले की पुष्टि हुई। उक्त मामले में श्रम आयुक्त उत्तराखंड के की ओर से भी जांच की गई। इसमें बड़े बड़े सफेदपोश नेताओ व अधिकारियों के नाम सामने आए। सरकार ने उनको हटाकर उनकी जगह नया जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया। उसके द्वारा निष्पक्ष जांच नही की जा रही है और अपने लोगो को बचाया जा रहा है। याचिकाकर्ता का कहना है कि उक्त मामले की जांच उच्च स्तरीय कमेटी गठित कर निष्पक्ष रूप से कराई जाए।
Bhanu Bangwal
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।