अब ये क्या दिन दिखा रहे हो भगवान, कुत्तों के लिए बनाए गए स्थल को बना दिया इंसान के लिए श्मशान
कोरोना से बढ़ रही मौतों के बीच दिल्ली के द्वारका सेक्टर 29 में कुत्तों के एक श्मशान स्थल को इंसानों का शमशान घाट बनाने की तैयारी चल रही है।
कोरोना की सुनामी के बीच दिल्ली में शव जलाने के लिए भी स्थान नहीं मिल रहा है। कोरोना के इस दौरान में भगवान की इंसान की परीक्षा ले रहा है। हर दिन ऐसे चौंकाने वाली बात सामने आ रही है कि उसे पढ़ने और सुनने वाला भी सिहर जाए। अब देखिए कि अस्पतालों में बेड और ऑक्सीजन की सप्लाई की कमी के बीच देश की राजधानी दिल्ली कोविड-19 संक्रमण की घातक बढ़ोतरी का सामना कर रही है। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में प्रति दिन 300 से अधिक कोविड मरीज की मौत दर्ज की गई है। हालात ये हैं कि शमशान के बाहर शवों की लाइन है और अंदर उससे ही ज्यादा संख्या में चिताएं जल रही हैं।
इन परिस्थितियों के बीच द्वारका सेक्टर 29 में कुत्तों के एक श्मशान स्थल को इंसानों का शमशान घाट बनाने की तैयारी चल रही है। दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने कुत्तों के श्मशान के लिए बनाई गई एक परियोजना स्थल पर इंसानों के अंतिम संस्कार के लिए पक्के ब्लॉक बनाए जा रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, द्वारका सेक्टर 29 में तीन एकड़ के कुत्तों के श्मशान स्थल का निर्माण छह महीने पहले किया गया था, लेकिन अभी तक इसकी शुरुआत नहीं हो पाई है।
यहां पर कुल 50 पल्टेफॉर्म बनाए जा रहे हैं। चिता जलाने ले लिए लकड़ियां भी इकट्ठा की जा रही हैं।
वहीं, दिल्ली के सरकारी आंकड़ों में जितनी मौतें बताई जा रही हैं, हकीकत उससे काफी अलग है। श्मशानों में जितने शव पहुंच रहे हैं, वो सरकारी आंकड़ों से काफी ज्यादा हैं। बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में मौत का आंकड़ा और ऊपर जाने की आशंका है। ऐसे में श्मशानों की क्षमता बढ़ाई जा रही है।
आंकड़ों पर नजर डाली जाए, तो हर दिन अंतिम संस्कार किए जाने वाले शवों की संख्या में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो रही है। वर्तमान में, दिल्ली में 800 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार किया जाता है। ये संख्या 1000 तक बढ़ने की उम्मीद है। और श्मशान स्थलों को बढ़ाने के लिए दिल्ली में प्राधिकरण आगे की तैयारी कर रहे हैं। क्षमता बढ़ाने के लिए, अंतिम संस्कार के पार्क और पार्किंग तक में अस्थायी ब्लॉक बनाए गए हैं। अंतिम संस्कार के लिए यमुना घाटों पर भी प्लेटफार्मों का निर्माण किया जा रहा है। उत्तरी दिल्ली के मेयर जय प्रकाश ने कहा है कि क्षमता बढ़ाने के लिए यमुना के किनारे स्थलों की पहचान की गई है।
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भानु बंगवाल, देहरादून, उत्तराखंड।